रबी फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी पर बोले हुड्डा- ये किसानों के साथ मजाक

punjabkesari.in Wednesday, Sep 08, 2021 - 07:17 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गेहूं, जौ, चने की एमएसपी में मात्र लगभग दो से ढाई प्रतिशत की बढ़ोत्तरी को नाकाफी बताते हुए, किसानों के साथ मजाक करार दिया है। उन्होंने कहा किसान की फसल की लागत बहुत बढ़ गई है, आज पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। इसके अलावा लेबर ,खाद, बीज, दवाई और बाकी रोजमर्रा की चीज़ों के दाम भी रिकॉर्ड ऊंचाई के स्तर पर हैं। एक तरफ सरकार 2022 तक किसानों की आय डबल करने का वादा करती है और दूसरी तरफ उसे पिछले साल सिर्फ ढाई फीसदी और इस साल घटाकर नाममात्र सिर्फ 2 फीसदी की रेट बढ़ोत्तरी का झुनझुना थमा दिया। 

हुड्डा ने याद दिलाया कि यूपीए सरकार के दौरान गेहूं के रेट में हर साल औसतन 9-10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होती थी। बावजूद इसके आज से 7 साल पहले गेहूं का रेट 2100 रुपये करने की मांग को लेकर हरियाणा बीजेपी के नेता अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करते थे। लेकिन इतने साल बाद भी सरकार गेहूं का रेट 2100 रुपये नहीं कर पाई। इसलिए सरकार को अपने वादे के मुताबिक बढ़ती महंगाई और खेती की लागत को ध्यान में रखते हुए सी2 फार्मूले के तहत एमएसपी देनी चाहिए। 

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए हुए हुड्डा ने करनाल में धरनारत किसानों की मांगों का समर्थन किया। उनका कहना है कि किसानों पर लाठीचार्ज और उनका सिर फोड़ने का आदेश देने वालों पर कार्रवाई होनी ही चाहिए। 28 अगस्त को करनाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर की गई बर्बर कार्रवाई गैरकानूनी, अलोकतांत्रिक और अमानवीय थी। प्रतिपक्ष लगातार सरकार से पूरे मामले की हाईकोर्ट के सीटिंग या रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच करवाने की मांग कर रहा है। इस मांग को लेकर कांग्रेस ने राज्यपाल से भी मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। अगर गठबंधन सरकार हमारी इस मांग को मान लेती तो आज यह नौबत नहीं आती। ना इतनी बड़ी तादाद में किसानों को सड़कों पर आना पड़ता और ना ही सरकार को इसका बहाना बनाकर आम जनता की इंटरनेट आदि सेवाएं बंद करनी पड़ती। 

उन्होंने दोहराया कि करीब 10 महीने से आंदोलन कर रहे किसानों की मांगे पूरी तरह जायज हैं और वो अन्नदाता की मांगो का पूर्ण समर्थन करते हैं। किसान आजाद भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आंदोलन चला रहे हैं। सरकार को राजधर्म निभाते हुए एक बार फिर आंदोलनकारियों से संवाद स्थापित करना चाहिए। लोकतंत्र में संवाद से ही हर समस्या का समाधान संभव है। 
 

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vinod kumar

Recommended News

Related News

static