सरकार की सुस्ती के कारण ही प्रदेश में हुई हिंसा : हुड्डा

punjabkesari.in Sunday, Sep 03, 2017 - 12:12 PM (IST)

चंडीगढ़(पांडेय): हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यदि सरकार डेरा प्रकरण में गंभीर होती तो प्रदेशभर में हिंसा को रोका जा सकता था। उन्होंने कहा कि डेरा प्रकरण के लिए पूरी तरह से खट्टर सरकार जिम्मेदार है। यदि सरकार साफ इरादे से काम करती तो पंचकूला आगजनी सहित सभी वारदात को समय रहते काबू किया जा सकता था। सरकार की सुस्ती के कारण ही हिंसा में 40 लोगों की जान गई। चंडीगढ़ में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार को नैतिकता के आधार पर सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है। सरकार या तो खुद सत्ता छोड़े या फिर केंद्र सरकार इसे बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करे। 

हुड्डा ने कहा कि सरकार का कानून व्यवस्था पर कंट्रोल नहीं है। हुड्डा ने कहा कि डेरा प्रकरण में हुई हिंसा के बाद प्रकाश सिंह का बयान आया है और उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार ने जाट आरक्षण आंदोलन से भी सबक नहीं लिया। डेरा प्रमुख को जैड प्लस सुरक्षा दिए जाने के सवाल पर हुड्डा ने कहा, सैंटर से इंटैलीजैंट के इनपुट के बाद ही सुरक्षा दी गई। खालिस्तान फ्रंट द्वारा किए गए हमले के बाद यह इनपुट मिला था। 

जाट आरक्षण मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले पर हुड्डा ने कहा कि मैं भी वकील हूं और कोर्ट के किसी फैसले पर टिप्पणी करना सही नहीं है लेकिन सच तो यह है कि अगर सरकार सुप्रीम कोर्ट में शपथ-पत्र नहीं बदलती तो जाट, जट सिख, त्यागी, रोड़ व बिश्नोई जाति के लोगों को आज आरक्षण मिल रहा होता। हमारी सरकार के समय जिस आधार पर आरक्षण दिया गया, उसी आधार पर मौजूदा सरकार ने भी विधानसभा में कानून बनाया। नया तो उसमें कुछ नहीं था। अगर सरकार की नीयत साफ थी तो इस बात का जवाब दें कि सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा क्यों बदला गया।


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