बाहर जल रहा था पंचकूला, अंदर चल रहा था भर्ती घोटाला

punjabkesari.in Saturday, Apr 14, 2018 - 11:48 AM (IST)

अम्बाला(ब्यूरो): हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में हुए भर्ती घोटाले की तह तक जाएं, तो चौंकाने वाले तथ्य उजागर होंगे। गत वर्ष 27 अगस्त को जब डेरा समर्थक हिंसा पर उतारू थे तो पंचकूला में धारा 144 लागू थी। सभी कार्यालय बंद थे। इसके बावजूद आयोग का दफ्तर खुला था यानी अंदर भर्ती घोटाले को अंजाम दिया जा रहा था। गिरफ्तार किए गए कर्मचारी उस समय कार्यालय में मौजूद थे। इनमें से कुछ कर्मचारियों के वाहन भी आगजनी की भेंट चढ़ गए थे, परंतु कार्यालय में उपस्थिति की बात छिपाने के लिए उन्होंने वाहनों के जलने पर क्लेम तक फाइल नहीं किया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भर्ती घोटाले में सरकार से जुड़े कई बड़े चेहरे भी शामिल हैं, जिन्हें बचाने के लिए जांच को एस.आई.टी. तक ही सीमित रखा जा रहा है। कई बातें ऐसी सामने आ रही हैं कि सरकार कुछ ‘खास’ चेहरों को बचाने के लिए न्यायिक जांच से बच रही है। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करीब 2 साल पहले ही केंद्र में नौकरियों में इंटरव्यू खत्म कर दिया था। सी.एम. खट्टर प्रधानमंत्री के हर फैसले को प्रदेश में लागू करने में आगे रहते हैं, लेकिन उन्होंने हरियाणा में यह फैसला हजारों भर्तियां होने के बाद ही लिया। भर्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए इंटरव्यू की वीडियोग्राफी कराना उचित नहीं समझा। अगर वीडियोग्राफी होती तो सरकार को आज विपक्ष के सवालों के जवाब देने की जरूरत नहीं पड़ती। कई भर्तियों में अनियमितताओं की शिकायतें कोर्ट तक पहुंचीं। इन शिकायतों के बाद आयोग के चेयरमैन और सचिव से लेकर सदस्यों तक पर कोर्ट की फटकार पड़ी। इसके बाद भी सरकार ने आयोग की भूमिका को गलत नहीं माना।  

आयोग के चेयरमैन भारती का कार्यकाल बढ़ाने का पत्र 7 मार्च को ही जारी कर दिया गया था। इस पत्र को सार्वजनिक करने में 2 सप्ताह से ज्यादा का समय लग जाना कहीं न कहीं संदेह के दायरे में आता है। भारती का कार्यकाल भी ऐसे समय पर बढ़ाया गया, जब उनके बेटे पर पैसों के लेन-देन के आरोप एक वायरल ऑडियो से लगे थे। 
 


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Rakhi Yadav

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