आशा वर्करों की मांगों का समाधान नहीं हुआ तो अन्य विभागों के कर्मचारी भी सड़कों पर होंगे

punjabkesari.in Friday, Aug 21, 2020 - 07:49 PM (IST)

फरीदाबाद (सूरजमल): सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने नागरिक अस्पताल पर हड़ताल पर बैठी आशा वर्करों के बीच पहुंच कर हड़ताल का समर्थन किया। उन्होंने सरकार व स्वास्थ्य विभाग को ललकारते हुए चेतावनी दी की अगर सोमवार तक आशा वर्करों की मांगों का समाधान कर 7 अगस्त से चल रही हड़ताल खत्म नहीं करवाई तो अन्य विभागों के कर्मचारी भी सड़कों पर आने पर मजबूर होंगे। उन्होंने यह ऐलान शुक्रवार को सामान्य अस्पताल पर बैठी हड़ताली आशा वर्करों को संबोधित करते हुए किया। 

हड़ताली आशा वर्करों ने यूनियन की जिला प्रधान हेमलता व सचिव सुधा के नेतृत्व में नीलम चौक तक थालियां बजाते हुए सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जूलूस निकाला और निर्णय लिया कि जब तक मांगों के पत्र जारी नहीं होंगे, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। 

प्रर्दशन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, मल्टी पर्पज हेल्थ इंप्लाईज एसोसिएशन के प्रधान जितेंद्र मोर व सीआईटीयू के नेता कामरेड ओम प्रकाश भी शामिल हुए। आशा वर्करों को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि सरकार व विभाग के घोर उपेक्षापूर्ण रवैए के नाराज कोरोना योद्धा कही जाने वाली आशा वर्कर 7 अगस्त से हड़ताल पर हैं। लेकिन सरकार व विभाग उनकी जायज मांगों का भी समाधान करने को तैयार नहीं है। उन्होंने आशा वर्करों की हड़ताल के प्रति सरकार व विभाग के घोर उपेक्षापूर्ण रवैए की घोर निन्दा की है। 

प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि कोरोना महामारी में प्रदेश भर की आशा वर्कर्स बिना पूर्ण सुरक्षा किट अपनी जान को हथेली पर रखकर घर-घर जाकर जनता की सेवा में लगी हुई हैं, इसलिए सरकार व विभाग का फर्ज बनता था कि स्वयं ही कोरोना योद्धा आशा वर्करों की मांगों एवं समस्याओं का संज्ञान लेकर समाधान करती। परन्तु आशा वर्कर यूनियन हरियाणा द्वारा सरकार व विभाग को पत्र एवं स्मरण पत्र और ज्ञापन भिजवाने के बावजूद उनकी मांगों एवं समस्याओं की लगातार अनदेखी की गई।

इस अनदेखी के विरोध में आशा वर्करों को 7 से 9 अगस्त तक तीन दिन की हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस दौरान भी किसी भी स्तर के अधिकारी ने बातचीत भी करना आवश्यक नहीं समझा। सरकार की घोर उपेक्षापूर्ण एवं उदासीन रवैए के कारण आशा वर्करों ने हड़ताल को 13 अगस्त तक बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ा। इस दौरान भी सरकार व विभाग का घोर उदासीनता पूर्ण रवैया जारी रहा। जिसके कारण हड़ताल को 17 अगस्त तक बढ़ाया गया। 

लांबा ने कहा कि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 17 अगस्त को आशा वर्कर यूनियन के शिष्टमंडल के साथ बातचीत हुई। लेकिन बातचीत केवल दिखावे के लिए की गई, इसमें कोई भी गंभीरता दिखाई नहीं दिखाई दी। जिसके कारण आशा वर्कर यूनियन हरियाणा को 7 अगस्त से चल रही हड़ताल को 21 अगस्त तक बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ा है।


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Shivam

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