अगर हरियाणा की पराली है जिम्मेदार, तो पूरा साल क्यों रहता है दिल्ली में भारी प्रदूषण: कंवरपाल गुर्जर
punjabkesari.in Thursday, Nov 18, 2021 - 03:32 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : दिल्ली मे बढ़े प्रदूषण का ठीकरा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भले ही हरियाणा पर फोड़ रहे हों। भले ही हरियाणा के किसानों द्वारा पराली जलाए जाने को इसका कारण बता रहें हो। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बढ़े प्रदूषण का जिम्मेदार किसानों से अधिक उद्योगधंधों को बताया था।
वहीं प्रदेश के पर्यटन एवं शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पराली ही जिम्मेदार होती तो प्रदूषण का स्तर केवल पराली जलाए जाने के वक्त ही ज्यादा रहता। लेकिन दिल्ली में पूरा साल ही इसी प्रकार का प्रदूषण रहता है और हमारी सरकार द्वारा पराली जलाने पर बहुत तरह से रोक लगाई है। जिस कारण इस बार बहुत कम घटनाएं पराली जलाने की हुई हैं। प्रदेश सरकार द्वारा बहुत सी इंडस्ट्री इस प्रकार की लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं कि पराली से फ्यूल स्कूल तैयार हो सके। जिससे किसान को भी पैसा मिले और वातावरण भी प्रदूषित ना हो।
गुर्जर ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री तो पानी को दूषित करने का आरोप भी हरियाणा पर लगा रहे हैं। मैं कहना चाहता हूं कि दिल्ली में शुरू हुई यमुना की टेस्टिंग की जाए और दिल्ली के बाद उसकी टेस्टिंग की जाए। कम से कम 100 गुना प्रदूषण दिल्ली के पानी में अधिक मिलेगा। जिसके लिए दिल्ली सरकार ही जिम्मेदार है। बल्कि हमें इस पर एतराज करना चाहिए। क्योंकि दिल्ली से प्रदूषित हुआ पानी पलवल को दिया जा रहा है। उसके बावजूद यह लोग झूठ बोलकर गुमराह करने में लगे हैं। लेकिन वह अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। दिल्ली में बढ़े प्रदूषण के कारण हमें दिल्ली के साथ सटे अपने चार जिले रोहतक-झज्जर-गुड़गांव और फरीदाबाद के स्कूल बंद करने का फैसला लिया गया।
कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना के प्रभाव के चलते स्कूल बंद करने का फैसला लिया गया था। जो कि स्कूल खोल दिए गए थे। लेकिन 50 फ़ीसदी ही बच्चे स्कूलों में बुलाने के आदेश जारी किए गए थे। लेकिन अब कोरोना का प्रभाव पूरी तरह से खत्म होने के कगार पर है। जिस कारण से 1 दिसंबर से पूरी क्षमता के साथ शत प्रतिशत बच्चों को स्कूलों में बुलाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। लेकिन कोरोना की गाइडलाइन की पालना के साथ पूरी एहतियात बरतते हुए स्कूल खोले जाएंगे। अगर किसी कारण से कहीं किसी प्रकार की कोरोना से संबंधित मामला सामने आएगा तो स्थिति के अनुसार जो भी फैसला होगा लिया जाएगा। प्रदेश सरकार द्वारा डेंगू इत्यादि जैसे लोगों पर कंट्रोल करने के लिए सभी पंचायतों को भी फॉगिंग मशीन देने का फैसला किया है। जो कि लगातार आवंटित की जा रही है। जिससे भी काफी लाभ होगा।
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