निजी अस्पताल की मनमानी, इलाज करवाना है तो अस्पताल से ही खरीदनी होंगी दवाइयां

punjabkesari.in Friday, Jun 21, 2019 - 10:44 AM (IST)

बहादुरगढ़ (प्रवीन धनखड़): प्रदेश के प्राइवेट अस्पताल मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में संवेदनहीन होते जा रहे हैं और सरकार का भी उन पर कोई कंट्रोल नजर नहीं आ रहा है। ऐसे ही बहादुरगढ़ में एक निजी अस्पताल ने मनमानी करते हुए गंभीर रूप से जली हुई अवस्था में आई महिला मरीज का इलाज करने से मना कर दिया। महिला का इलाज करने से मना करने के पीछे का कारण सिर्फ इतना था कि उसका बेटा डॉक्टर द्वारा लिखी हुई दवाइयां सस्ते दामों पर अस्पताल के बाहर से खरीद कर ले आया। इसी बात से खफा होकर अस्पताल प्रबंधन ने महिला मरीज का इलाज करने से मना कर दिया।

मामला बहादुरगढ़ के ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल का है। जहां सुबह के समय आसौदा गांव से जली हुई अवस्था में ओमपति नाम की महिला मरीज को दाखिल करवाया गया था। डॉक्टरों ने उसके बेटे को दवाइयां लिखकर एक पर्ची पकड़ा दी। पर्ची पर लिखी हुई दवाइयां लेने के लिए महिला मरीज का बेटा अस्पताल से बाहर चला गया और अस्पताल के पास ही स्थित एक मेडिकल स्टोर से 20 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ दवाइयां ले आया।

मरीज के परिजनों का कहना है कि वह डॉक्टर द्वारा लिखी हुई कंपनी की दवाइयां ही बाहर से डिस्काउंट के साथ लेकर आए हैं। जबकि अस्पताल में यही दवाइयां बाहर के मुकाबले 20% तक अधिक दामों पर बेची जा रही हैं। पैसे बचाने के लिए उसने बाहर से दवाइयां खरीदी हैं। लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों ने संवेदनहीनता दिखाते हुए अपने लालच के चक्कर में उसकी मां का इलाज करने से ही मना कर दिया है।

इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन का भी साफ कहना है कि वे किसी मरीज को जबरदस्ती खींचकर इलाज के लिए नहीं लेकर आते। जिसका मन हो वह आएं, लेकिन दवाइयां अस्पताल के अंदर से ही मरीजों को खरीदनी होगी। डॉक्टर नितिन कुमारी  का कहना है कि हर एक अस्पताल की ओपीडी फीस और दवाइयों के रेट अलग-अलग होते हैं। यह कहीं सस्ते तो कहीं महंगे होते हैं। लेकिन उनके अस्पताल में तय मानदंड रखे हुए हैं। सभी मरीजों को उन्हें ही फॉलो करना होगा।

डॉक्टर साहिबा ने भी संवेदनहीनता दिखाते हुए साफ कहा है  कि अगर उनके अस्पताल में किसी को इलाज करवाना है तो दवाइयां अस्पताल के अंदर से ही खरीदनी होगी, चाहे वह महंगी क्यों ना हो। ऐसे में आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति को भी लूटने में प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर गुरेज नहीं कर रहे और मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में गरीबों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ लगातार जारी है। प्रदेश और केंद्र की सरकार भी इन संवेदनहीन चिकित्सकों पर नकेल कसने में असमर्थ है।


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Naveen Dalal

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