2 बार विधानसभा चुनाव हारे नेताओं का टिकट कटा तो हरियाणा कांग्रेस से लड़ेंगे कई नए चेहरे

punjabkesari.in Friday, Aug 30, 2024 - 05:40 PM (IST)

 

 चंडीगढ़(चंद शेखर धरणी): हरियाणा विधानसभा चुनावों की घोषणा होते ही प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों के नेता अपने-अपने स्तर पर गोटिया फिट कर विधानसभा टिकट पाने  की जुगत में लगे हुए हैं, जिसमें सबसे अधिक टिकटों के लिए मारामारी और  मुकाबला सतासीन भारतीय जनता पार्टी व  मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के  दम पर प्रदेश में तीसरी बार भी कमल खिला हैट्रिक लगाने के दावे कर रही है।

जबकि 10 वर्ष से सत्ता से बाहर बैठी कांग्रेस भी अबकी बार  सत्ता विरोधी लहर और लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 5 सीटों पर मिली जीत से उत्साहित प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के सपने संजोए बैठी है।  बीते 2  विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस पार्टी इस बार  फूंक -फूंक कर  कदम रख रही है! सूत्रों की माने तो जहां पहली बार  मौजूदा विधायकों के टिकट पर भी कैंची चलना तय माना जा रहा है। वहीं 2 बार विधानसभा चुनाव हार चुके तथा बीते विधानसभा चुनाव में जमानत जब्त करवा चुके उम्मीदवारों की जगह नए उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने पर पार्टी में मंथन चल रहा है। यही नहीं 2 बार चुनाव हार चुके कांग्रेस उम्मीदवार के परिजनों को भी टिकट नहीं देने की चर्चाएं जोरों पर है।

प्रदेश की सभी सीटों पर जीताउ उम्मीदवारों के लिए पार्टी द्वारा जहां अपने स्तर पर सर्वे करवाया गया है! इसके अलावा जीतने वाले उम्मीदवार को बिना किसी राजनीतिक आका और सिफारिश बगैर टिकट दिए जाने के कांग्रेस हाई कमान से ऐसे संकेत नजर आ रहे हैं!

लोकसभा चुनाव की तरह चलेगा सोशल इंजीनियरिंग फार्मूला
जिस प्रकार से कांग्रेस पार्टी द्वारा बीते लोकसभा चुनाव में सोशल इंजीनियरिंग फार्मूला चलते हुए प्रदेश कांग्रेस लोकसभा की 5 सीटें जीतने में कामयाब रही है ! कि पहले जहां लोकसभा में जाट समाज से 4 उम्मीदवार चुनाव में उतारे जाते थे अबकी बार कांग्रेस पार्टी द्वारा  महज 2 लोकसभा उम्मीदवार उतारे गए थे! मजेदार बात यह रही कि रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा हिसार लोकसभा से जयप्रकाश जेपी के रूप में दोनों ही उम्मीदवारों को जीत भी मिली है । इसके अलावा सोनीपत से ब्राह्मण समुदाय से सतपाल ब्रह्मचारी, सिरसा लोकसभा से दलित समुदाय की राष्ट्रीय नेता  कुमारी शैलजा व अंबाला दलित समुदाय से  वरुण मुलाना ने भी गैर जाट के रूप में जीत दर्ज की है। इसके अलावा फरीदाबाद से महेंद्र प्रताप सिंह, गुरुग्राम से राज बब्बर, भिवानी महेंद्रगढ़ से राव दान   सिंह, करनाल से दिव्यांश बुद्धि राजा पंजाबी, गुर्जर व अहीर समुदाय से कांग्रेस उम्मीदवार थे।

इसी प्रकार से पार्टी विधानसभा चुनाव में जाट चेहरों में कटौती ब्राह्मण पंजाबी वैश्य और राजपूत समाज के  अधिक उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया जा सकता है, जबकि इससे पूर्व जाट समुदाय से लगभग 25 से 30 उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी से उतारे जाते रहे हैं।  जबकि विधानसभा में 17 आरक्षित सीटें हैं! जातिगत सर्वे के अनुसार प्रदेश में जाट और अनुसूचित जाति वर्ग का वोट बैंक लगभग 40 % से भी अधिक बैठता है, जिसमें लगभग दोनों की हिस्सेदारी बराबरी की है! जिसमें बीते लोकसभा चुनाव में 5 लोकसभा सीटें जीतने में इन दोनों समाज की मुख्य भूमिका रही है।  वहीं भारतीय जनता पार्टी भी अब इन दोनों समाज के वोट बैंक पर नजरे गडाए  हुए हैं, जिसको लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने चुनाव से पहले ही  कम बरसात होने के कारण प्रति एकड़ 2 हजार रुपए मुआवजे की  किस्त जारी कर चुके हैं, साथ ही सिख  समुदाय  रिझाने के लिए सिरसा में गुरुद्वारा के नाम मुफ्त में एक बड़ा भूखंड आवंटित किया गया है!  वही भारतीय जनता पार्टी की ओर से कुरुक्षेत्र में दलित सम्मेलन का आयोजन भी किया गया है।  


गुटबाजी खत्म करने के लिए पार्टी हाई कमान ने कमर कसी
कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस में अग्रणी भूमिका में रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा व कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला के बीच चल रही खींचातानी को रोकने के लिए पार्टी टिकट आवंटित करने के सभी अधिकार अपने हाथों में ले लिए हैं।  ऐसे में जहां दोनों ओर से इन नेताओं के बीच अब जुबानी जंग शांत नजर आ रही है। कांग्रेस हाई कमान की ओर से भी इन्हें कड़े निर्देश दिए गए हैं कि मौजूदा विधानसभा चुनाव में पार्टी को किसी प्रकार से कोई नुकसान ना हो इसके लिए सभी मिलकर चुनाव लड़े।

शैलजा  व रणदीप को भी हल्के  मे नही  लेगा हाई कमान
जिस प्रकार से बीते लोकसभा चुनाव में बिना भूपेंद्र हुड्डा के प्रचार के कुमारी शैलजा ने सिरसा लोकसभा क्षेत्र से बड़ी जीत दर्ज कर अपनी काबिलियत को हाई कमान की नजरों में साबित किया है।  उसके बाद से ही शैलजा व उनके समर्थकों का उत्साह साथ में आसमान पर है, जिसको लेकर शैलजा ने लोकसभा चुनाव से पहले ही जहां विधानसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए थे वहीं अब उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी दावा ठोक दिया है।रणदीप सुरजेवाला वाले का भी उन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है ! इसके अलावा पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव  व पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह भी  मुख्यमंत्री के सपने सजाए हैं।

2बार हार का फार्मूला चला तो कुरुक्षेत्र से पूर्व वित्त मंत्री की राजनीतिक विरासत पर खतरा
जिस प्रकार से कांग्रेस हाई कमान द्वारा बीते विधानसभा चुनाव में जमानत जब्त करवा चुके  तथा लगातार 2 विधानसभा चुनाव हार चुके उम्मीदवारों के टिकटें कटना तय माना जा रहा है।  ऐसे में प्रदेश के कई राजनीतिक दिग्गजों के भविष्य पर सवालिया निशान लगता नजर आ रहा है! ऐसा ही कुछ कुरुक्षेत्र जिला की  पेहवा विधानसभा में भी घटित हो सकता है। जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के नजदीकियों में से एक पर पूर्व वित्त मंत्री  हरमोहिंदर सिंह चटठा के पुत्र मनदीप चटठा का टिकट काटना भी तय माना जा रहा है, क्योंकि वे भी अपने पिता की पेहवा सीट से 2014 _2019 बीते दो विधानसभा चुनाव लगातार  हार चुके हैं! क्योंकि पूर्व वित्त मंत्री  हरमोहिंदर सिंह चटठा का स्वास्थ्य जहां ठीक नहीं रहता वहीं वे उम्रदराज भी हो चुके हैं ।

 


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Content Writer

Isha

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