अवैध रजिस्ट्री पंजीकरण का मामला, एक साल बाद दर्ज हुआ रजिस्ट्रार सहित तीन पर मुकदमा दर्ज
punjabkesari.in Sunday, Sep 13, 2020 - 11:59 AM (IST)
सोहना(सतीश): सोहना में अवैध रूप से पंजीकृत की जाने वाली रजिस्ट्रियों की परतें खुलनी सुरु हो गई है।सोहना सिटी थाना पुलिस में एसडीएम की लिखित शिकायत के बाद साल 2019 में सोहना तहसील में कार्यरत सब रजिस्ट्रार जूनियर सब रजिस्ट्रार विकास मोहन व कम्प्यूटर ऑपरेटर यशपाल के खिलाफ आपसी मिली भगत कर धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कर मामले की जांच सुरु कर दी है।
दरअसल एक अगस्त 2019 को आरटीआई एक्टिविस्ट रमेश यादव ने सोहना तहसील में पंजीकृत की जाने वाली रजिस्ट्रियों के फोटो प्रोपर्टी डीलर के कार्यालयों में अवैध रूप से खिंच कर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माद्यम से सोहना तहसील कार्यालय में ले जाकर पंजीकृत करने की शिकायत एसडीएम सोहना को दी थी।जिस शिकायत पर जांच करते हुए एसडीएम सोहना ने सोहना तहसील में कार्यालय में फ़ोटो क्लिक किये जाने वाले स्थान पर बैनर लगवा दिया ताकि फ़ोटो की पहचान की जा सके वही दो दिन के अंदर 86 दस्तावेज पंजीकृत किये गए जिनमे से 77 दस्तावेज पर लगे हुए फ़ोटो तहसील कार्यालय के नही होकर बाहरी कार्यालयों के मिले।जिसकी शिकायत एसडीएम द्वारा उपायुक्त गुरुग्राम को भेजी गई लेकिन उक्त शिकायत उपायुक्त द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दी गई।
उपायुक्त द्वारा मामले को ठंडे बस्ते में डालने के बाद मामले की शिकायत आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा गुरुग्राम कार्यालय को देकर कार्यवाही की मांग की गई जिसके बाद उपयुक्त द्वारा एसडीएम द्वारा भेजी गई शिकायत पर कार्यवाही करते हुए मामले को जांच के लिए जांच अतरिक्त मुख्य सचिव के पास भेजा गया जिसकी जांच वित्त आयुक्त से कराई गई। वित्त आयुक्त द्वारा की गई जाँच में सब रजिस्ट्रार जूनियर सब रजिस्ट्रार सहित कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ आपसी मिली भगत कर कर धोखाधड़ी किये जाने का मामला एसडीएम सोहना द्वारा सिटी थाना पुलिस सोहना में दर्ज कराया गया है।लेकिन आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि मामले में रजिस्ट्रार का नाम नही दर्शाया गया है वही करेप्शन की धाराओं को भी नही जोड़ा गया है।जिसे लेकर वह अदालत में मुकदमा डालकर उचित कार्यवाही की मांग करेंगे।