इस शहर में ऑटो और कैब चालक शराब पीकर भरते हैं सवारी, पढ़ें खबर

punjabkesari.in Sunday, Jul 23, 2017 - 11:24 AM (IST)

गुड़गांव : दिनों-दिन हाईटेक हो रहे शहर में शराब पीकर ड्राईविंग का शौक बढ़ता जा रहा है। शाम ढलने के बाद जहां मयखानों में रौनक बढ़ने लगती है तो वहीं सड़कों पर पियक्कड़ों की तादात गुलजार हो जाती है। खासकर नए गुडग़ांव के एमजी रोड पर तो मयखानों से निकलने वाले शौकीन यातायात नियमों को ठेंगे पर रखते हैं। जबकि यातायात पुलिस खास तीज-त्योहार के मौकों पर ही ब्रीथ एनालाईजर का प्रयोग करती देखी जाती है। इसलिए भी मय के शौकीन बेखौफ वाहनों से सड़कों को रौंदते रहते हैं। शराब के नशे में दो पहिया और चार पहिया वाहन सड़कों पर दौड़ाने वाले चालक खुद के लिए तो खतरा मोल लेते ही हैं, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी जानलेवा साबित होते हैं। गुड़गांव के नागरिक अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में दुर्घटनाग्रस्त लोगों की संख्या के हिसाब से देखें तो सर्वाधिक शराब के नशे में दुर्घटनाग्रस्त लोगों की संख्या होती है। अधिकतर दुर्घटनाओं की संभावना रात में ही देखी गई है। हांलाकि नेशनल हाईवे के 500 मीटर दायरें में शराब बिक्री पर सरकार की ओर से प्रतिबंध लगा दिया गया है लेकिन हाईवे और एक्सप्रेस वे पर शराब के शौकीनों की तादात कम नहीं हुई है।

गुड़गांव की स्थिति 
गुड़गांव में कुल पब और बार की संख्या 285 है, जबकि 67 परिसरों को सरकार की तरफ से मान्यता दी गई है। जिले के हिसाब से देखे तो कुल वाइन शॉप 323 है जिनमें 175 इंडियन मेंड विदेशी शराब, 148 देशी मेड शराब के अड्डे हैं।

चालकों को नहीं है कोई डर
शहर को गैस चैम्बर बनने में भारी योगदान दे रहे ऑटो चालकों पर न तो कोई नियम-कानून लागू होता है, न ही चालकों को नियमों का भय है। एमजी रोड, इफको चौक और हुडा सिटी सेंटर से रात में सवारियों को ढोंने वाले हजारों ऑटो चालकों में से ऐसे चालकों की भारी तादात है जो शाम को ही पीकर टुन्न हो जाते हैं। देर रात यात्रियों से मनमाना किराया वसूलने से लेकर यातायात नियमों के साथ मनमानी का लाईसेंस इनको पीने के बाद ही मिल जाता है। लेकिन आम यात्री क्या करें। वह एक जगह से दूसरे जगह पहुंचने की मजबूरी में हर तरह का जोखिम उठाने को बाध्य है। शहर की यातायात पुलिस अपने चालान के टारगेट पूरे करने में व्यस्त दिखती है तो ऑटो चालक भी चालान जमा करने के अभ्यस्त हो चुके हैं। अब उन्हें न तो चालान का भय 
सताता है ना ही नियम-कानूनों की परवाह है। 
 


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