इनैलो ने स्वास्थ्य सेवाओं पर जताई चिंता

punjabkesari.in Tuesday, Nov 26, 2019 - 11:02 AM (IST)

चंडीगढ (बंसल): इनैलो नेता अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं पर ङ्क्षचता व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने वर्ष 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में वायदा किया था कि प्रत्येक प्रदेशवासी को स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाएगा और बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए विशेष तौर पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा जिन प्राइवेट अस्पतालों ने सरकार से सस्ती दर पर भूमि ली है, उनमें 25 प्रतिशत मरीजों का नि:शुल्क इलाज करवाने की नीति लागू की जाएगी और इस पर तुरंत अमल किया जाएगा परंतु अफसोस से कहना पड़ रहा है कि इस नीति को तो क्या लागू करना था,मुख्यमंत्री के जिले करनाल के सरकारी अस्पताल में भी डाक्टरों के कुल 154 पद हैं,जिनमें 87 पद अभी तक भी रिक्त पड़े हैं। 

ग्रामीण क्षेत्र में तो स्वास्थ्य सेवाओं का और भी बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि कम्युनिटी हैल्थ सैंटर और प्राइमरी हैल्थ सैंटर डाक्टरों की सेवाओं से वंचित हैं और कई जगह तो डाक्टरों की बजाय छोटा स्टाफही मरीजों की देखभाल कर रहा है। सूत्रों से पता लगा है कि बार-बार सरकार को चेतावनी के बावजूद डाक्टरों, एक्स-रे मशीनों, ब्लड बैंकों आदि की सुविधाएं सरकार द्वारा मुहैया नहीं करवाई गईं, जिसकी वजह से ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लोगों में रोष व्याप्त है। 

इनैलो नेता ने बताया कि वर्ष 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में भी भाजपा ने वायदा किया है कि जिनकी सालाना आय 1.8 लाख रुपए से कम है और 5 एकड़ तक जोत है, उनको मोतियाङ्क्षबद, कैंसर आदि की जांच एवं दवाइयां आदि मुफ्त में दी जाएंगी परंतु यह सब कुछ ढकोसला सिद्ध हो रहा है, क्योंकि भाजपा की कथनी और करनी में दिन-रात का अंतर है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में इलाज करवाने का खर्चा सरकारी अस्पतालों के मुकाबले सात गुना ज्यादा होता है। ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के प्रसव के लिए सुविधाएं नाममात्र हैं, जबकि निजी अस्पतालों में खर्चा इतना ज्यादा है कि आम आदमी के बस की बात नहीं है। हरियाणा में हर वर्ष कैंसर से मरने वालों में 20 से लेकर 30 प्रतिशत तक वृद्धि हो रही है। 

इनैलो नेता ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में हरियाणा को अव्वल बताते हैं और प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया व सीटी स्कैन तथा एम.आर.आई. की सेवाएं भी उपलब्ध करवाने का दम भरते हैं परंतु वास्तव में धरातल पर अगर मंत्री या सरकारी अधिकारी अस्पतालों में जाकर भवनों का, लैबोरेट्रीज का और सफाई आदि का निरीक्षण करें तो शौचालय आदि की तो ऐसी बदहाली है कि स्वस्थ आदमी भी उसमें जाने से कतराता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News

static