पुलिस का अमानवीय चेहरा आया सामने, एंबुलेंस की जगह ऑटो में डालकर हॉस्पिटल ले गए मजदूर का शव

punjabkesari.in Sunday, Feb 19, 2023 - 02:09 PM (IST)

बहादुरगढ़ (प्रवीण धनखड़) : जिले में एक बार फिर पुलिस का असंवेदनशील चेहरा सामने आया है। यहां हाईटेंशन तारों की चपेट में आए एक मजदूर की मौत हो गई। जिसके शव को पुलिस ने अस्पताल ले जाने के लिए हाथ तक नहीं लगाया और ना ही एंबुलेंस बुलाई गई। इतना ही नहीं, मृतक मजदूर के परिजन स्वयं शव को ऑटो रिक्शा में डालकर अस्पताल लेकर गए। वहीं घटना की कवरेज कर रहे कैमरा पर्सन के कैमरे पर भी पुलिस कर्मचारी ने हाथ मारा और उसे घटना की कवरेज करने से रोका गया। दरअसल स्थानीय लोग मृतक के शव को ऑटो में ले जाने पर आपत्ति जता रहे थे। वहीं इस घटना की रिपोर्टिंग के लिए पहुंचे कैमरा पर्सन अपना काम कर रहे थे। ये देख पुलिसकर्मी एकदम से अपना आपा खो बैठे और कैमरा पर्सन के कैमरे तक को हाथ मारकर बंद करा दिया।

क्या है मामला ?

दरअसल बहादुरगढ़ में बिजली की हाईटेंशन तारों की चपेट में आने से एक मजदूर की मौत हो गई। मजदूर शहर के लाइनपार क्षेत्र में स्थित अंबेडकर भवन के पास एक घर की छत पर काम करने के लिए गया था। जब वह छत पर काम कर रहा था तो हाईटेंशन तारों के पास से गुजरने लगा तभी तारों की चपेट में आने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर के रहने वाले 22 वर्षीय लक्ष्मण के रूप में हुई है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। लेकिन यहां पुलिस का अलग ही रूप देखने को मिला। पुलिस ने शव को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस तक मंगाना उचित नहीं समझा और ना ही शव को हाथ तक लगाया। बल्कि मृतक के परिजनों को ही शव को अस्पताल ले जाने के लिए ऑटो बुलाना पड़ा। जिस पर स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई। मामला कैमरे में कैद होने से कहीं पुलिस की किरकिरी न हो जाये इसलिए पुलिस कर्मी अपना आपा खो बैठे। पुलिसकर्मी एकदम से ऑटो से उतर कर सीधे कैमरा पर्सन के कैमरे पर लपक पड़े और उसे बंद करा दिया।

नेताओं और अधिकारियों की लापरवाही से जा रही जानें

वही घरों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन तारों से स्थानीय लोग बेहद परेशान हैं। लोगों ने इस घटना को स्थानीय नेताओं और अधिकारियों की गलती बताया है। लोगों का कहना है कि वह पिछले लंबे समय से घरों के ऊपर से गुजर रही बिजली की हाईटेंशन तारों को हटाने की मांग कर रहे हैं। वे बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक राजेंद्र जून, पूर्व विधायक नरेश कौशिक और मौजूदा नगर परिषद की चेयरपर्सन सरोज राठी, पूर्व चेयरपर्सन शीला राठी से मिलकर इन तारों को हटाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन ना तो नेता और ना ही अधिकारियों ने इस ओर कभी ध्यान दिया। जिसका खामियाजा यहां के आम लोगों को अपनी जान गंवाकर उठाना पड़ रहा है।

हर साल बहुत से लोग इन तारों की चपेट में आकर अपनी जान गवां रहे हैं। इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। घटना के प्रति असंवेदनशील पुलिस अब मामले की किस तरह से जांच करती है यह देखने वाली बात होगी। या फिर से एक गरीब मजदूर की मौत अन्य लोगों की तरह फाइलों में दबकर तो नहीं रह जाएगी, ये बड़ा सवाल है।

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Content Writer

Gourav Chouhan

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