RTI में खुलासा: अवैध स्टॉक पर कार्रवाई की जगह फाइल कर दी गायब, सरकार को करोड़ों का चूना

punjabkesari.in Saturday, Jun 12, 2021 - 08:56 PM (IST)

सोनीपत (पवन राठी): हरियाणा के सोनीपत में रेत के अवैध स्टॉक पर कार्रवाई करने की बजाए फाइल को ही गायब कर दिया गया। इस कारनामे का खुलासा आरटीआई में हुआ। दरअसल, डीसी की बनाई कमेटी की जांच के बाद रेत के अवैध स्टॉक पर कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं की गई और रिकॉर्ड गायब होने की बात कह दी गई। 

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इसके साथ ही विभाग ने केडीएम मुरथल के नाम से लाइसेंस जारी कर दिया, जबकि स्टॉक को मिमारपुर में जय यमुना की जगह अवैध रूप से लगा दिया गया। उससे भी सरकार को कई करोड़ का चूना लगेगा। वहीं इस पूरे मामले में आला अधिकारियों ने मीडिया से दूरी बना ली है। इस बारे आरटीआई एक्टिविस्ट सुनील कुमार ने जानकारी देते बताया कि यमुना के पास मिमारपुर व ताजपुर में रेत के काफी बड़े अवैध स्टॉक लगाए जाने की शिकायत मिलने पर डीसी रहे श्यामलाल पूनिया ने दो महीने पहले जांच कराने के लिए कमेटी बनाई थी। इस कमेटी में खनन अधिकारी, तहसीलदार, पटवारी समेत अन्य कई को रखा गया था, ताकि जांच में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो सके और रेत के अवैध स्टॉक लगाने पर कार्रवाई की जा सके। 

इस जांच के बाद उस समय खनन अधिकारी राजेश की ओर से यूपी के गाजियाबाद के राठी बिल्डर्स एंड सप्लायर्स को नोटिस जारी किया था। उस समय 45520 मीट्रिक टन रेत का स्टॉक लगा हुआ था और उसका कोई कागज कमेटी को नहीं दिखाने पर अवैध बताया गया था। इसके अलावा मिमारपुर में जय यमुना के नाम का लाइसेंस खत्म होने के बाद भी वहां काफी बड़ा स्टॉक लगा दिया गया। जिसकी अनुमति लेने के लिए केडीएम स्टॉक के नाम से आवेदन किया गया। उसकी 10 अप्रैल को खनन विभाग ने अनुमति जारी जरूर कर दी, लेकिन खनन विभाग को पता चला कि वह यमुना के एक किमी के दायरे में आता है। 

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इस तरह खनन विभाग ने खुद को फंसता देखकर उस केडीएम स्टॉक की अनुमति पर आपत्ति लगा दी। जिसके बाद स्टॉक से बिक्री को लेकर अडंगा फंस गया तो केडीएम मुरथल के नाम से अनुमति जारी कर दी गई, जिससे जय यमुना की जगह अवैध रूप से लगाए गए स्टॉक से बिक्री हो सके। इन सभी मामलों को लेकर राजलूगढ़ी के सुनील राठी ने डीसी की ओर से बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर स्टॉक पर कार्रवाई को लेकर आरटीआई के तहत जानकारी मांगी। जिस पर खनन अधिकारी गुरजीत सिंह ने जवाब दिया कि उनके पास डीसी की कमेटी को लेकर कार्यालय में कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसके साथ ही मिमारपुर में जय यमुना का लाइसेंस खत्म होने के बावजूद वहां लगाए गए स्टॉक की जानकारी को छुपा लिया गया। इस तरह से सुनील राठी ने कार्यालय में अवैध स्टॉक पर कार्रवाई के लिए शुरू की गई फाइल ही गायब करने का आरोप लगाया है। 

मिमारपुर व ताजपुर में जिन अवैध स्टॉक को लगाया गया है और डीसी के कमेटी बनाने के बाद जांच में अवैध मिलने के बावजूद कार्रवाई के रिकॉर्ड को गायब कर दिया गया है, इससे सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगेगा। क्योंकि वहां से बिना रिकॉर्ड के बिक्री की जाएगी और उससे सरकार को सीधा राजस्व का नुकसान होगा। इसको देखते हुए ही डीसी रहे श्यामलाल पूनिया ने कमेटी बनाकर जांच कराई थी, जिससे उनपर जुर्माना लगाया जा सके और उन पर कार्रवाई करके सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान होने से बचाया जा सके। लेकिन जिस तरह से खनन अधिकारी कोई रिकॉर्ड तक नहीं होने की बात कह रहे है, उससे सरकार को करोड़ों का चूना लगना तय माना जा रहा है। इस बारे सोनीपत के डीसी ललित कुमार सिवाच ने फोन पर बताया कि अभी तक ऐसी कोई जानकारी उनके पास नहीं है।
 

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Content Writer

vinod kumar

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