इंटरनेट तब बंद किए जाते हैं, जब सरकार डर जाती है : किरण चौधरी

punjabkesari.in Wednesday, Feb 10, 2021 - 11:49 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा के बड़े राजनीतिक परिवार से संबंध रखने वाली पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधू एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेत्री किरण चौधरी से आज पंजाब केसरी ने विशेष मुलाकात की। जिसमें उन्होंने आने वाले बजट सत्र में बहुत से मुद्दे कांग्रेस द्वारा उठाए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा की राजनीति बिल्कुल निरस्त राजनीति है। हरियाणा के लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। ला एंड आर्डर नजर नहीं आता। मिडल क्लास सरकार की गलत नीतियों की भेंट चढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही सरकार उन्होंने पर यह आरोप भी लगाया कि उन्हें विधानसभा में समय नहीं दिया जाता। उन्होंने सरकार की कार्यशैली पर और भी कई सवाल उठाए। उनसे बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत करते हैं:-

प्रश्न : आने वाले बजट सेशन को लेकर कांग्रेस की क्या रणनीति है ?
उत्तर : 
आज हमारी सीएलपी की मीटिंग हुई है। आज जिस प्रकार से हालात बने हुए हैं। पूरे हरियाणा में ही नहीं पूरे देश में किसान आंदोलनरत हैं। सड़कों पर है। प्रमुख राजनीतिक पार्टी होने के नाते हमारा दायित्व बनता है कि हम अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए और उसी की हम तैयारी में लगे हैं।

प्रश्न : नो कॉन्फिडेंस मोशन कैसे स्टैंड करेगा, क्योंकि सत्ता पक्ष के पास बहुमत है ?
उत्तर :
बेशक सत्ता पक्ष के पास बहुमत हो, लेकिन सदन पटल पर इस पर चर्चा हो और यह पता चले कि कौन इसके पक्ष में बोलेगा और कौन विरोध में बोलेगा। इससे सबका हमको स्पष्ट हो जाएगा। साथ ही अगर हम नो कॉन्फिडेंस मोशन लेकर आते हैं तो सरकार को उस पर चर्चा करवानी पड़ेगी। अगर सरकार चर्चा करवाने से गुरेज करती है तो यह भी बात सामने आ जाएगी। विपक्षी दल होने के नाते हम अपना दायित्व निभाना चाहते हैं।

प्रश्न : जींद में टिकैत को भारी जन समर्थन मिला इसे राजनीतिक तौर पर किस नजर से देखती हैं ?
उत्तर : 
इतनी ठंड में किसानों का आंदोलन करते हुए 70 दिन बीत गए। वह अपनी जायज मांगे रख रहे हैं। काले कानून वापिस लेने की बात कह रहे हैं। मुझे दुख होता है यह देखकर कि किस प्रकार से सरकार द्वारा बैरी केटिंग उन्हें रोकने के लिए लगाई जा रही है। चार बैरिकेडिंग की गई है।  सड़कों में कीले गाड़ दी गई हैं।ऐसा मंजर तो सरहदों पर भी देखने को नहीं मिलता। पाकिस्तान-चीन की सरहदों पर भी ऐसा नहीं होता।आप देश के किसानों के हकों की आवाज सुनना नहीं चाहते। 150 के करीब किसान भाइयों ने शहादत दे दी। अगर किसानों को यह कानून नहीं चाहिए तो रद्द करके साइड करो। ऐसा क्या मोह आपको इन पूंजी पतियों से हो गया कि जो लाखों किसान बेघर होकर वहां बैठे हैं। उन पर आपको दया नहीं आ रही। इस देश में 22 ऐसे घराने हैं जिनकी आमदनी 100 फ़ीसदी से भी ऊपर निकल गई है। मिडिल क्लास पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। इस बजट में यह एमएसपी को दोगुना देने की बात कहकर सबसे बड़ा मजाक कर रहे हैं। पेट्रोल-डीजल पर इतना एक्साइज बढ़ा दिया गया यानि इससे सभी चीजें महंगी होंगी। आम आदमी का बुरा हाल होने वाला है। यह फैसला मिडिल क्लास को खत्म कर देगा। घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं। रजिस्ट्री घोटाला, कहीं शराब घोटाला हो गया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कोई बोल नहीं रहा। कांग्रेस के समय में गैस सिलेंडर 400 रुपए हुआ तो हाय तौबा मच गई थी। आज गैस 800 से भी ऊपर जा चुका है लेकिन बड़े हैरानी की बात है कोई बोल नहीं रहा।

प्रश्न : लेकिन भाजपा कह रही है कि पिछले सेशन में जब कृषि बिलों पर चर्चा होनी थी, कांग्रेस मैदान छोड़कर भाग गई थी ? 
उत्तर : 
इन्होंने हर चीज पर भ्रम फैलाना है। सच्चाई यह है कि विधानसभा में यह प्रशंसा का रेजोल्यूशन लाए थे कि हम प्रशंसा करके भेजते हैं कितना अच्छा कानून लेकर आए। हम प्रशंसा के ऊपर कैसे चर्चा कर सकते थे। अगर हम खड़े होकर बोलते भी तो भी कोई फायदा तो नहीं था। क्योंकि 22 वोटों से उसे पास करके यह भेज देते। अब कम से कम रिकॉर्ड पर यह बात तो आई है कि कांग्रेस ने इस रेजोल्यूशन में भाग नहीं लिया।

प्रश्न : आने वाले बजट सेशन में किन मुद्दों को लेकर आ रहे हैं ?
उत्तर : 
बहुत सारे क्वेश्चंस भेजे हुए हैं, बिजली-पानी सीवरेज के मुद्दे हैं। एसआईटी गठित हुई थी, उसके परिणाम आया है। 50 लोग मर गए थे। एसआईटी ने साफ कह दिया कि पूरे हरियाणा में गोरख धंधा हो रहा है। माइनिंग माफिया मौज कर रहे हैं। मुद्दे ही मुद्दे हैं। हमें यह समय तो देते ही नहीं। पता नहीं कितने प्रश्न, कालिंग अटेंशन मोशन देती हूं। लेकिन एक भी नहीं लगाते।

प्रश्न : केंद्र का बजट आम जनता और खास तौर पर किसानों के लिए कैसा है ?
उत्तर : 
इस बजट में किसानों के लिए तो प्रावधान है ही नहीं। इन्होंने कृषि का बजट घटा दिया है। 7 फ़ीसदी किसान निधि घटा दी है। कहते हैं कि किसानों की आय दोगुनी कर देंगे। किस प्रकार से करेंगे। पेट्रोल डीजल के रेट कितने बढ़ा दिए हैं। किसान की लागत तो दोगुनी जरूर कर दी है। इस बजट में किसान के लिए तो कुछ है ही नहीं। बेरोजगारों को भी निराशा हाथ लगी है। इस प्रकार की बातों से साफ है कि बहुत ही निराशाजनक बजट लेकर आए हैं। जहां पैसा लगाना चाहिए था इन्होंने उसके लिए कुछ नहीं दिया।

प्रश्न : कानून व्यवस्था को देखते हुए हरियाणा में कई जिलों में इंटरनेट बंद है। इसे लेकर जनता में भारी रोष है?
उत्तर : 
इंटरनेट तब बंद किए जाते हैं, जब सरकार डर जाती है। यह सरकार डरे बैठी है। उन्हें मालूम है कि वह गलत काम कर रहे हैं। क्योंकि यह काले कानून निश्चित तौर पर किसान को बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा करेंगे और केवल और केवल पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह किया जा रहा है। यह अहंकार से भरी हुई सरकार है। इन्हें किसानों की पीड़ा नजर नहीं आ रही।

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Content Writer

Manisha rana

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