मुद्दा गरम है! क्या ऐलनाबाद की जनता इतिहास दोहराएगी या फिर बदलेगी 16 साल पुरानी रीति?

punjabkesari.in Monday, Oct 18, 2021 - 05:07 PM (IST)

ऐलनाबाद (सुरेंद्र सरदाना ): ऐलनाबाद की बदकिस्मती कहें या फिर कुछ और कि ऐलनाबाद विधानसभा की सीट पर गत 16 वर्षों से जब-जब भी जनता द्वारा विधायक चुना गया, वह विधायक गैर सत्तादल का ही रहा। 2005 में हरियाणा में इनेलो की सत्ता के बाद ऐलनाबाद का विधायक तो इनेलो पार्टी से रहा लेकिन 10 वर्ष तक कांग्रेस हरियाणा में सत्तासीन रही और 6 वर्षों से बीजेपी सत्तासीन है। इस प्रकार ऐलनाबाद में गत 16 वर्षों से गैर सत्तादल का ही विधायक बना रहा।

ऐलनाबाद में गत 16 वर्षों में यहां पर विकास का पहिया बहुत ही धीमी गति से घूमा है, विकास को लेकर ऐलनाबाद के साथ सौतेला व्यवहार होता रहा है और विकास की दरकार रही है। सबका साथ, सबका विकास का दम भरने वाली वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा भी ऐलनाबाद के विकास में समानता के अनुरूप विकास नहीं करवाया और यहां से जनता द्वारा बीजेपी का विधायक न चुनने की टीस अस्पष्ट रूप में सत्तासीन सरकार को कहीं न कहीं खटकती रही है।

इस प्रकार गैर सत्तादल का विधायक होने के चलते सत्तासीन सरकारों द्वारा ऐलनाबाद को विकास के मामले में बहुत ही पिछाड़ दिया है। बेशक ऐलनाबाद का नाम हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, लेकिन विकास के मामले में भेदभाव के दंश की भेंट चढ़ता रहा है । वर्ष 2010 में ऐलनाबाद में हुए उपचुनाव में सत्तासीन कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रत्याशी भरत सिंह को जीत हासिल करवाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। हरियाणा के तमाम नेता हर वोटर के पास घर-घर पहुंचे थे, बावजूद भी कांग्रेस की पार नहीं पड़ी थी और इनेलो प्रत्याशी को नहीं हरा पाई। ऐसे में कांग्रेस पार्टी द्वारा ऐलनाबाद के लोगों के प्रति रोष रहना स्वभाविक भी था जो कि कांग्रेस ने अपना यह रोष ऐलनाबाद का विकास न करवा कर प्रकट किया।

उसी तर्ज पर अब ऐलनाबाद में दूसरी बार उपचुनाव होना है, लेकिन अब सत्ता में भाजपा की सरकार है। बेशक ऐलनाबाद की सीट पर जीत या हार बीजेपी की सरकार को गिराने या बनाने में कोई मायने नहीं रखती, लेकिन प्रतिष्ठा जरूर दांव पर लगी है और समस्त हरियाणा की लोग  ऐलनाबाद के चुनाव परिणामों पर टकटकी लगाए हुए हैं।

अब देखना बाकी है कि ऐलनाबाद की जनता हर बार की तरह इस बार भी अपना चिरपरिचित पुराना इतिहास दोहराएगी या फिर सत्तासीन दल के प्रत्याशी को अपना विधायक बनाएगी। इस के बारे तो अभी कह पाना मुश्किल है, चूंकि मुकाबला तिकोना है और चुनावी समीकरण हर दिन बदल रहे हैं। लेकिन इतना जरूर है ऐलनाबाद की जनता क्षेत्र के विकास की आस लगाए हुए है और उसी को ही अपना प्रतिनिधि चुनना चाहती है जो ऐलनाबाद में विकास की बयार बहा सके।
 

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Content Writer

Shivam

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