संसद तक पहुंचा हरियाणा की अलग राजधानी और हाई कोर्ट का मुद्दा: रणधीर सिंह बदरान

punjabkesari.in Sunday, Aug 11, 2024 - 06:23 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा की अलग राजधानी और हाईकोर्ट का मुद्दा अब संसद तक पहुंच चुका है। हरियाणा के अलग राजधानी और हाईकोर्ट की मुहिम चला रहे ‘हरियाणा बनाओ अभियान’ के संयोजक व पंजाब-हरियाणा बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन रणधीर सिंह बदरान इसके लिए लगातार प्रदेश की जनता के अलावा, राजनीतिक दलों, सांसदों, सामाजिक व धार्मिक संगठन के लोगों के साथ आम जनता से भी मिल रहे हैं। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के कईं सांसदों को ज्ञापन भी सौंपा है। अब वह जल्द ही सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों से मिलकर इसे पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल करवाने की भी मांग करेंगे। हरियाणा की अलग राजधानी और हाईकोर्ट बनवाने को लेकर क्या है रणधीर सिंह की मुहिम और इस काम में उनके सामने क्या दिक्कत रही ? इन सब बातों पर हमने उनसे खास बातचीत की।

हरियाणा बनाओ अभियान के संयोजक रणधीर सिंह बदरान का कहना है कि दो साल लगातार उन्होंने जनता के बीच जाकर उनसे इस बारे में बात की है। हरियाणा की अलग राजधानी और अलग हाईकोर्ट को लेकर वह कईं रिटायर्ड जज, आईएएस, आईपीएस और रिटायर्ड मुख्य सचिवों के साथ अनेक जन प्रतिनिधियों और राजनीतिक दलों के नेताओं से मिले है। उनका दावा है कि हर कोई प्रदेश की अलग राजधानी और हाईकोर्ट बनाने के पक्ष में है। इस मांग को लेकर जिला और सब डिविजन बार एसोसिएशन में भी गए और उन्होंने इस बारे में प्रस्ताव पारित कर उन्हें दिया है। कईं सामाजिक संगठनों ने इस बारे में प्रस्ताव पारित किया है।

सांसदों के अलावा केंद्रीय मंत्री से भी की मुलाकात

रणधीर सिंह ने बताया कि इस मांग को लेकर प्रदेश के 10 लोकसभा सांसदों में से वह अब तक धर्मबीर सिंह, कृष्णपाल गुर्जर, दीपेंद्र हुड्डा, वरुण मुलाना, जय प्रकाश और सतपाल ब्रह्मचारी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन भी सौंप चुके हैं। बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह ने तो उनके प्रस्ताव को प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के पास फारवर्ड भी कर दिया गया है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने भी इसे लेकर उन्हें कईं सुझाव दिए हैं। कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा के विचार भी इस मांग पर सकारात्मक थे। उन्होंने कहा कि लोकसभा के 10 और राज्यसभा के 5 सांसदों के अलावा हरियाणा के रणदीप सुरजेवाला भी राज्यसभा सांसद है। ऐसे में जल्द ही वह बचे हुए शेष सभी सांसदों के साथ मुलाकात कर उन्हें इस मांग से अवगत करवाएंगे। 

किसान संगठनों और पंचायतों ने दिया समर्थन

वदरान ने बताया कि हरियाणा की अलग राजधानी और हाईकोर्ट को लेकर वह कई किसान संगठनों से भी मिल चुके हैं। कईं संगठनों ने उन्हें लिखित में समर्थन दिया है। गुरनाम सिंह चढूनी ने तो जींद में आकर उन्हें समर्थन देने का ऐलान किया था। इसके अलावा प्रदेश की 6201 ग्राम पंचायतों का प्रदेश स्तर पर सरपंच एसोसिएशन हरियाणा के नाम से एक संगठन है। उस संगठन के अध्यक्ष रणबीर सिंह समैण ने भी उन्हें लिखित में समर्थन दिया है। साथ ही 500 ग्राम पंचायतों ने अलग से उन्हें लिखित में अपना समर्थन दिया है। कई ब्लॉक समिति औऱ जिला परिषद की ओर से भी उन्हें समर्थन दिया गया है। 

किसी राजनीतिक दल ने गंभीरता से नहीं लिया

उन्होंने बताया कि हरियाणा के अलग हाईकोर्ट और अलग राजधानी को लेकर पिछले 57 साल से किसी राजनीतिक दल ने गंभीरता नहीं दिखाई, लेकिन अब उनके साथ इस मांग को लेकर 10 लाख से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। इसके लिए उन्होंने कईं राजनीतिक दलों के प्रमुखों से मिलने का समय मांगा है। साथ ही इस बारे में मुख्यमंत्री से भी मुलाकात के लिए समय मांगा है। उनकी प्राथमिकता है कि सभी की इस मामले पर आपसी सहमति बने। 

वकालत को भी दाव पर लगाया

रणधीर सिंह वदरान ने बताया कि वह पिछले 30 साल से देख रहे थे कि कोर्ट में दाखिल अनेक केसों के सालों तक फैसले नहीं हो पा रहे हैं। पूछने पर वह अपने क्लाइंट को भी नहीं बता पाते थे कि उनके केस में कब तक फैसला आ जाएगा। इसलिए वह 500 से ज्यादा केस क्लाइंस को वापस भी कर चुके हैं। अब दो साल पहले उन्होंने फैसला लिया कि वह हरियाणा के लिए अलग हाईकोर्ट लेकर आएंगे। हाईकोर्ट और राजधानी के बिना हरियाणा संपूर्ण नहीं है। इसलिए अपनी वकालत को दाव पर लगाकर ये फैसला लिया। 

दलों के घोषणा पत्र में करवाएंगे शामिल

उन्होंने बताया कि हरियाणा में चुनाव से पहले उनका प्रयास है कि राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र में प्रदेश के अलग हाईकोर्ट और अलग राजधानी के मुद्दे को शामिल करें। उन्होंने कहा कि जो दल इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल नहीं करेगा, उसका विरोध किया जाएगा। हर जिले में उनके संयोजक है और अगले एक सप्ताह में इस बारे में रणनीति भी बना ली जाएगी। रणधीर सिंह ने बताया कि अपनी इस मांग को लेकर उन्होंने हरियाणा के कईं गांवों में पैदल यात्रा भी निकाली है। इस काम को पूरा करने के लिए बस राजनीतिक सोच बदलने की जरूरत है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Isha

Related News

static