आईटीबीपी कांस्टेबल की ट्रेन हादसे में मौत, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

punjabkesari.in Thursday, Aug 27, 2020 - 06:33 PM (IST)

समालखा (राकेश): झांसी व खजुराहो स्टेशन के बीच समालखा वासी आईटीबीपी में कांस्टेबल की ट्रेन हादसे में मौत हो गई। जिसकी सूचना आईटीबीपी जीआरपी झांसी व परिवार के लोगों को दी गई। सूचना मिलते ही परिवार के लोग मौके पर पहुंचे। गुरूवार को सुबह के समय आईटीबीपी के जवानों द्वारा तिरंगे में लिपटे शव को समालखा स्थित आवास पर लाया गया। जैसे ही शव आवास पर पहुंचा, तो परिवार के लोगों का रो रोकर बुरा हाल था। मौके पर हर शख्स की आंखे नम हो गई। इसके बाद तिरंगे में लिपटे शव को शहर के श्मशान घाट ले जाया गया। जहां पर आईटीबीपी के दो सब इंस्पैक्टर व जवानो में सैनिक को पुष्प चक्र अर्पित कर सलामी देते हुए मातमी धुन बजाकर अस्त्र शस्त्र झुकाकर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

शहर के लाईन पार मनाना रोड पर राजीव कालोनी वासी बिजेन्द्र ने बताया कि 55 वर्षीय उसका भाई सुनील आईटीबीपी में 44 बटालियन में हैड कांस्टेबल के पद पर तैनात था। जिसकी पोस्टिंग कर्नाटक के बेल गांव में थी। उसने बताया कि 22 अगस्त को छुट्टी खत्म होने के बाद वह वापिस डयूटी करने के लिए दिल्ली स्टेशन से ट्रेन में सवार होकर जा रहा था। 23 अगस्त की शाम को महाराष्ट्र के जीआरपी मिराज रेलवे स्टेशन से मोबाइल व बैग पड़े होने की सूचना मिली। इससे पहले शाम के समय सुनील की परिवार के लोगों से बात हुई थी। सूचना मिलते ही उन्होंने सुनील की आईटीबीपी यूनिट से संपर्क किया। इसके बाद आईटीबीपी के जवानों ने सुनील की गुमशुदगी के बारे में प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद वह सगे संबंधियो के साथ गवालियर में आरपीएफ व जीआरपी थाना में पहुंचे। दोनो थाना में पहुंचकर सुनील के बारे में बात की। 

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वहां से जानकारी न मिलने पर वह ढबरा रेलवे स्टेशन से होते हुए झांसी जंक्शन स्टेशन पहुंचे, वहा पहुंचने पर आरपीएफ से इस बारे बात की। उन्होंने बताया कि वहां से परमिशन मिलने के बाद गाड़ी की लोकेशन के बारे में सीसीटीवी कैमरे चैक किये गए, लेकिन वहां से कोई जानकरी नहीं मिली। इसके बाद वह जीआरपी थाना झांसी पहुंचे। वहां पर जीआरपी के इंस्पेक्टर से प्रेम सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि 23 अगस्त को झांसी व खजराहो के बीच एक अज्ञात शव मिला है। जिस पर इंस्पैक्टर ने कपड़े चप्पल दिखाते हुए हाथ में गुदा हुआ नाम भी दिखाया। 

जीआरपी इंस्पैक्टर ने बताया कि शव का झांसी के रानी लक्ष्मीबाई मैडिकल कालेज में पोस्टमार्टम कराकर रखवा दिया। इसके बाद उन्होंने मौके पर पहुंचकर शव की शिनाख्त सुनील के रूप में की। इसके बाद आज सुबह आईटीबीपी के जवानों द्वारा तिरंगे में लिपटे शव को समालखा राजीव कॉलोनी आवास पर लाया गया। वहां से तिरंगे में लिपटे शव को शहर के श्मशान घाट में ले जाया गया। जहां आईटीबीपी के दो सब इंस्पैक्टर व जवानों ने सैनिक को पुष्प चक्र अर्पित कर सलामी देते हुए मातमी धुन बजाकर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। 

आईटीबीपी का जवान सुनील अपने पीछे पत्नी व चार बच्चों को छोड़ गया। जिसकी तीन लड़कियां व एक लड़का है। उन्होंने बताया कि उसके भाई को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। वही एसपीटीबीएन आईटीबीपी करेरा उप निरीक्षक सुदामा मीना ने बताया कि सुनील कुमार आईटीबीपी 44 बटालियन में कर्नाटक के बेल गांव में सिटी ड्राईवर के पद पर तैनात था। उन्होंने बताया कि सिटी ड्राईवर सुनील कुमार एक अगस्त को छुट्टी लेकर आया था और उसने 23 अगस्त को डयूटी करने के लिए पहुंचना था। जब वह वापिस डयूटी करने के लिए जा रहा था, तो रास्ते में ट्रेन हादसे में उनकी मौत हो गई। 

सूचना मिलते ही परिजनों ने मौके पर पहुंचकर शव की शिनाख्त की। जहां पर सेना के वाहन से शव को समालखा आवास पर लाया गया। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार किया गया।


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Shivam

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