पहला ऐसा सत्र जिसमें मुद्दों से भागती नजर आई भाजपा सरकार: जगबीर सिंह मलिक

punjabkesari.in Friday, Aug 27, 2021 - 04:51 PM (IST)

गोहाना (सुनील जिंदल): गोहाना हलके से कांग्रेस के विधायक जगबीर सिंह मलिक ने अपने निवास पर प्रेसवार्ता कर कहा कि इस बार विधानसभा का मानसून सत्र केवल और केवल खानापूर्ति थी। जनता के मुद्दों पर बोलने का कोई समय नहीं दिया गया। सरकार के सामने अनेकों मुद्दे रखने थे, लेकिन सरकार भागती नजर आई। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने सत्र को एक सप्ताह तक चलाने की मांग की थी, लेकिन उनकी बात को भी नहीं सुना गया। 

जगबीर सिंह मलिक ने कहा कि सारे काम बंद करके किसानों के मुद्दे पर, पेपर लीक मामले, जेबीटी टीचर मामले में, सोनीपत जिले में यूरिया की कमी, भ्रष्टाचार, कोरोना से मृत्यु पर, किसानों पर चल रहे केसों सहित अन्य मुद्दों पर बातचीत करनी थी, लेकिन सरकार ने कोई नहीं सुनी।

जगबीर मलिक ने कहा कि यह पहला सत्र ऐसा था, जिसमें सरकारी आकड़ों को पेश किया गया। मलिक ने कहा कि उन्होंने हरियाणा में कोरोना काल में कितने सेंटर थे, पूछा गया? सरकार ने जवाब दिया कि सोनीपत नागरिक अस्पताल व गांव खानपुर कलां बीपीएस महिला मेडिकल कॉलेज के अस्पताल को सेंटर बनाया गया था। उन्होंने कहा कि लेकिन जुआ गांव की सीएचसी व गोहाना का नागरिक अस्पताल भी था। 

मलिक ने कहा कि भाजपा सरकार ने तीन काले कानून पहले लेकर आए, जिनको लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं। अब चौथा काला कानून को लेकर आए हैं। जो कांग्रेस सरकार में वर्ष 2013 में कानून बनाए गए थे उनमें बदलाव कर दिया गया है। अब सरकार उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण कर सकती है, जबकि पहले ऐसे नहीं था, 75 प्रतिशत किसानों की राय को हटा दिया गया। सरकार की तरफ से डीसी को इसका अधिकार दे दिया गया। डीसी अधिग्रहण कर सकते हैं, वहीं रेट तय करेंगे। न ही किसी किसान की अपील सुनी जाएगी न ही दलील सुनी जाएगी। रॉयल्टी व प्लाट देने की योजना को भी बंद कर दिया गया है।

उन्होंने पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी, लेकिन सरकार मूक दर्शक बनी रही। सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से कोरोना काल में हुई मौतों से मना कर दिया, जबकि सैकड़ों मौत हुई है। उन्होंने कहा कि सत्र में केवल 5 बार पेपर लीक के मामले बताए गए, जबकि 28 बार भाजपा सरकार में पेपर लीक हुए हैं। भाजपा सरकार में शराब घोटाला, दवा खरीद घोटाला, रजिस्ट्री घोटालाओं सहित 68 से ज्यादा बार घोटाले हुए हैं।
 

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Content Writer

Shivam

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