जाटों का अल्टीमेटम- विधायकों के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाएंगे जाट

punjabkesari.in Saturday, Feb 22, 2020 - 08:46 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): जाट आरक्षण आंदोलन के बाद सरकार और जाट संघर्ष समिति के बीच हुए समझौते की लंबित पड़ी मांगों को पूरा करने के लिए जाटों ने अल्टीमेटम दे दिया है। सोनीपत के लाठ-जौली में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले शनिवार को इक_ा हुए लोगों ने फैसला किया है कि यदि 31 मार्च 2020 तक लंबित 5 मांगों को पूरा नहीं किया गया तो भाजपा-जजपा और सरकार को सहयोग दे रहे निर्दलीय विधायकों के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। इन विधायकों के क्षेत्रों में न्याय पंचायतें आयोजित की जाएगी।

बता दें कि समिति की मुख्य मांग जाटों को आरक्षण दिलवाने की रही है। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक की अगुवाई में शनिवार को फैसला किया गया कि जिन जिलों में सभी विधायकों को मांगों को लेकर ज्ञापन नहीं सौंपे गए उन जिलों में भाईचारा न्याय यात्रा का कार्यक्रम 31 मार्च 2020 तक जारी रहेगा। केन्द्र के आरक्षण के लिए मार्च महीने में संसद के सत्र के दौरान सभी 13 राज्यों के जाट क्षेत्रों के सांसदों को ज्ञापन देकर केन्द्रीय स्तर पर जाट समाज को केन्द्र की ओबीसी श्रेणी में शामिल करने की अपनी सिफारिश, प्रधानमन्त्री, सामाजिक न्याय मन्त्री,राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को भेजने को कहा जाएगा। छोटूराम धाम-जसिया, रोहतक के निर्माण को जल्द से जल्द पूरा कर इसी वर्ष से युवाओं को कोचिंग के साथ-साथ अन्य गतिविधियों से जोड़कर उनके भविष्य निर्माण की दिशा में आगे बढ़ाया जाएगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Shivam

Recommended News

Related News

static