कोरोना की मार से नहीं उबर पा रहा जींद डिपो, पहले चलती थी 190 बस, अब 30 बस ऑनरुट(VIDEO)

punjabkesari.in Wednesday, Jun 24, 2020 - 04:21 PM (IST)

जींद : हरियाणा रोडवेज की जींद डिपो कोरोना संक्रमण की मार से अनलॉक के दौरान भी नहीं उबर पा रहा। रोडवेज की बसों में सफर करने से यात्री अभी भी परहेज कर रहे है। यहीं कारण है कि जींद डिपो के प्रबंधकों के लिए अपनी 190 बसों में से 30 बसों को चलाने के लिए भी यात्री नहीं मिल रहे हैं। डिपो को इससे हर रोज लाखों रुपए का घाटा हो रहा है।

कोरोना संक्रमण से पहले जींद डिपो की तमाम 190 बसें ऑनरुट रहती थी। डिपो की बसें हर रोज लगभग 14 लाख रुपए की कमाई यात्रियों को ढोकर कर लेती थी। कोरोना संक्रमण से पहले रोडवेज की बसें यात्रियों से खचाखच भरी होती थी औऱ डिपो की प्रति किलोमीटर आय 25 से 30 रुपए के बीच रहती थी। बसों में हालत यह होती थी कि पैर रखने को भी जगह नहीं बचती थी और यात्री जींद डिपो की बसों में खड़े होकर भी सफर तय करते थे। 

जींद डिपो की 30 बस विभिन्न रुटों पर चलाई जा रही है। इन बसों को भी बहुत कम यात्रियों के साथ चलाया जा रहा है। डिपो की ज्यादा बसें रुटों पर इसलिए नहीं चलाई जा रही क्योंकि उन्हें पूरे यात्री नहीं मिल रहे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए यह तय किया कि 52 सीटर बस में से केवल 30 यात्री सफर कर सकते है ताकि सोशल डिस्टैंसिंग बसों में सफर के दौरान भी बनी रहे। कई रुटों पर हालत यह है कि एक बस को चलाने के लिए जरूरी 30 यात्री भी नहीं मिल रहे।

डिपो के 100 से ज्यादा छोटे-बड़े रुट है औऱ फिलहाल जींद डिपो मुश्किल से 10 रुटों पर ही अपनी बसे चला पा रहा है। कोरोना संक्रमण का कितना गहरा असर जींद डिपो पर पड़ रहा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस समय जींद डिपो की बसों की प्रति किलोमीटर आय लगभग 18 रुपए है। एक दिन में जींद डिपो की 30 बसें केवल 1800 यात्री ढो रही है। डिपो प्रबंधकों को अपने सैंकड़ों चालक-परिचालकों को घर बैंठे वेतन  देना पड़ रहा है। इससे डिपो का घाटा हर रोज लाखों रुपए में जा रहा है। 

पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर अभी नहीं जम रहा यात्रियों का भरोसा: कोरोना संक्रमण के भय के चलते लोगों का भरोसा पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर अभी तक नहीं जम पाया है। बहुत मजबूरी में ही लोग रोडवेज की बसों में सफर करते है। जहां तक संभव होता है, लोग अपनी निजी कारों, बाइक और स्कूटी आदि से ही जींद से आसपास के शहरों या कस्बों का सफर तय करने को ज्यादा सुरक्षित मानते है। यही कारण है कि बस अड्डे पर रोडवेज बसों को दिनभर यात्रियों का इंतजार रहता है जबकि कोरोना संक्रमण से पहले यात्रियों को बसों का इंतजार रहता था। 

यह कहते है जींद डिपो के महाप्रबंधक :
महाप्रबंधक विजेंद्र सिंह का कहना है कि लोग बसों में सफर करने के लिए बस अड्डे पर नहीं आ रहे। डिपो की बसों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सैनिटाइज किया जाता है। बस अड्डे पर यात्रियों की कोरोना को लेकर थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है ताकि कोरोना संक्रमित कोई व्यक्ति बस में सफर नहीं करे। इसके बावजूद यात्री अभी रोडवेज बसों में सफर करने के लिए तैयार नहीं हो रहे।   


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Edited By

Manisha rana

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