Haryana: जज ने रिश्तेदार को दी जमानत, हाईकोर्ट ने आदेश किया रद्द... जानिए क्यों
punjabkesari.in Sunday, Dec 14, 2025 - 11:31 AM (IST)
चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक न्यायिक मैजिस्ट्रेट द्वारा धमकी के मामले में आरोपी को दी गई नियमित जमानत के आदेश को रद्द कर दिया है। न्यायालय ने पाया कि मैजिस्ट्रेट और आरोपी के बीच बीच दूर का संबंध था और इस रक्त संबंध के कारण पक्षपात की वास्तविक संभावना उत्पन्न होती है, जो आदेश को अमान्य करने के लिए पर्याप्त है। जस्टिस सुमित गोयल ने कहा
कि यह तथ्य जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, वह यह है कि किसी न्यायाधीश मैजिस्ट्रेट का किसी वादी के साथ दूर का या बहुत ही कमजोर रिश्तेदारी का संबंध हो सकता है, जिसके अस्तित्व से संबंधित न्यायाधीश/मैजिस्ट्रेट पूरी तरह से अनभिज्ञ हो सकते हैं। इस वास्तविक अनभिज्ञता के बावजूद, पक्षपात/भेदभाव की आशंका के संभावित अस्तित्व का मूल्यांकन करने का मानदंड एक उचित रूप से सूचित और विवेकपूर्ण व्यक्ति का वस्तुनिष्ठ मानक है।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि जमानत देने वाले मैजिस्ट्रेट आरोपी के रिश्तेदार थे और उन्होंने आरोपी के परिवार में आयोजित शोक सभा में शामिल होने के लिए छुट्टी भी ली थी। इस आरोप के संबंध में मुख्य न्यायाधीश को शिकायत सौंपी गई थी और प्रशासनिक स्तर पर इस पर विचार किया जा रहा था।
अम्बाला के जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा की गई प्रारंभिक जांच, जिसे सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गएया था, से संकेत मिलता है कि मैजिस्ट्रेट और आरोपी के बीच दूर का पारिवारिक संबंध था। राज्य के अनुपालन हलफनामे में भी उन्हें 'दूर के रिश्तेदार (चचेरे भाई)' बताया गया है। हालांकि, आरोपी नेहलफनामे में इस तरह के किसी भी संबंध से इंकार किया है।