खट्टर व विज के एक साथ दिल्ली पहुंचने से लगाए जा रहे मंत्रिमंडल विस्तार व फेरबदल की चर्चा के कयास
punjabkesari.in Friday, Jun 18, 2021 - 12:32 AM (IST)
चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा सरकार के दिग्गज नेता मुख्यमंत्री मनोहरलाल व गृह मंत्री अनिल विज के दिल्ली पहुंचने से राजनैतिक चर्चाओं का चलना स्वाभाविक है। हाल ही में दो दिन पहले डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला दिल्ली परिक्रमा में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को मिल कर लौटे हैं। अनिल विज हरियाणा के उन मंत्रियों में से हैं जो दिल्ली बहुत कम जाते हैं।
चर्चाओं के अनुसार, हरियाणा में जल्दी ही मंत्रिमंडल का फेरबदल व विस्तार हो सकता है। मुख्यमंत्री की हाल ही में राज्यपाल से मुलाकात के बाद इन चर्चाओं को बल मिला है। अनिल विज की गिनती हरियाणा भाजपा के दिग्गज नेताओं में होती है। जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपिन्दर सिंह हुड्डा कार्यकाल में भाजपा के सदस्यों की संख्या न के बराबर थी। तब भी सदन में व बाहर अनिल विज ने ज्वलंत मुद्दों पर आवाज उठा सभी का लगातार ध्यान अपनी तरफ आकर्षित रखा। तत्कालीन स्पीकर कुलदीप शर्मा को कई बार मार्शल्स की भी मदद लेनी पड़ी थी। भाजपा युवा मोर्चे से प्रदेश संगठन की राजनीति में विपक्ष में रहते अनिल विज ने अकेले एग्रेसिव रूख सत्ता पक्ष के लिए सदैव चुनौतीपूर्ण रखा।
हरियाणा के मंत्रिमंडल के फेरबदल व कयासों के बीच दिल्ली में मनोहर व विज का जाना यह संकेत देता है कि केंद्रीय नेतृत्व विज की राय भी कई मुद्दों पर लेनी जरुरी समझता है। चर्चाओं के अनुसार भाजपा के कुछ मंत्री का फेरबदल किया जा सकता है। कुछ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल हो सकता है। मंत्रिमंडल में दक्षिण हरियाणा से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की सलाह बहुत महत्व रखती है। मंत्रियों का फेरबदल भाजपा प्रोफेरमेन्स तथा कोविड काल की दोनों लहरों में उनके काम की समीक्षा के आधार पर कर सकती है। जातीय व क्षेत्रीय संतुलन भी बनाने पर पूरा जोर रह सकता है।
हरियाणा में ब्राह्मण, वैश्य व यादव जाति के विधायकों को तवज्जो मिलने व नॉन परफॉमिंग मंत्रियों को हटाने के कायास चल रहे हैं। मंत्रिमंडल विस्तार व फेर बदल मुख्यमंत्री का क्षेत्राधिकारी है। क्या होगा यह तो भविष्य के गर्भ में है। एक जजपा व एक भाजपा के खाते में नए मंत्री भी बन सकते हैं। जजपा का निर्धारण उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर निर्भर करता है। वर्तमान में जो मंत्री हैं, उनके विभागों में आंशिक फेरबदल की भी चर्चाओं ने जोर पकड़ रखा है। हरियाणा में कोरोना की दोनों लहरों के दौरान हरियाणा सचिवालय से ज्यादातर नदारद रहने व सरकारी फाइलों को लटकाने व सरकारी नीतियों को लंबित करवाने वाले मंत्रियों के नामों पर ज्यादातर चर्चाएं है।
चर्चा के अनुसार किसानों के तीन कानूनों को लेकर किसानों के चल रहे धरने, प्रदर्शनों व दिल्ली की सीमा के चारों तरफ जमे होने को लेकर व इस समस्या के समाधान पर भी बात हो सकती है। किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है, जिससे कहीं न कहीं केंद्रीय नेतृत्व भी चिंता में है। किसान संगठनों से 13 दौर की वार्ताओं की असफलता के बाद अब इस समस्या पर कैसे हल निकल सकता है? इस पर सीएम मनोहर लाल व अनिल विज से भी चर्चा हो सकती है।
कई विधायक जो मंत्री बनने की फिराक में हैं उनके ख्वाबों पर क्या बनेगी, यह भविष्य के गर्भ में है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी प्रवीण तावड़े की राय भी इस मामले में अहम रह सकती है।
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