अलग ही अंदाज़ में नज़र आई किरण चौधरी , महिला समर्थकों के साथ किया हरियाणवी नृत्य

punjabkesari.in Sunday, Apr 28, 2024 - 07:17 PM (IST)

चंडीगढ़( चन्द्र शेखर धरणी): राजनीति के नेताओं के द्वारा जिस प्रकार से अपने समर्थको तथा कार्यकर्ताओं का हौसला बुलंद रखने के प्रयास किए  जा रहे हैं उसका एक सजग उदाहरण है किरण चौधरी। कांग्रेस की विधायक किरण चौधरी कांग्रेस की सीनियर नेताओं में से एक है तथा एसआरके ग्रुप का एक स्तंभ है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के द्वारा भिवानी लोकसभा सीट से उनकी बेटी श्रुति चौधरी को टिकट न दिए जाने तथा जेपी को टिकट दिए जाने के बाद जिस प्रकार से उन्हें राजनीतिक रूप से कांग्रेस में झटका देने का प्रयास किया गया।

किरण चौधरी ने बेटी को टिकट न मिलने के बाद अपने कार्यकर्ताओं का हौसला जिस अंदाज में बुलंद किया उससे स्पष्ट पता लगता है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस की राजनीति में हरियाणा के अंदर कोई ना कोई बड़ा भूचाल लाने की तैयारी है। किरण चौधरी अपने समर्थकों से मिलने उनके गांव गई जहां जहां की महिलाओं के साथ उन्होंने व्यंग्य विनोद किया तथा हरियाणवी नृत्य में भी महिलाओं के साथ थिरकती नजर आई।

किरण चौधरी जो अपनी बात पर बाकी से करना जानते हैं टिकट न मिलने के बाद भिवानी में उनके निवास पर एकत्रित हुए कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से राव दान सिंह ने जिस प्रकार हमारे चुनाव में हमारी मदद की थी ठीक उसी प्रकार हम भी इन लोकसभा चुनावों के अंदर उनकी पूरी मदद करेंगे। किरण चौधरी द्वारा अपने कार्यकर्ताओं व समर्थकों को दिए गए इस संदेश के राजनीतिक मायने राजनीतिक समीक्षक निकलने पर लगे हुए हैं। दूसरी तरफ राव सिंह का कहना है कि वह जल्दी ही किरण चौधरी से मिलेंगे तथा चुनावों में उनसे मदद मांगेंगे।

रविवार को आज तोशाम विधानसभा के दिनोद गाँव में किरण चौधरी कुछ अलग ही अंदाज़ में नज़र आई …. और कार्यकर्ताओं को संदेश दिया की उनको कोई  निर्णय कमजोर नहीं कर सकता। आने वाले दिनों में राजनीतिक रूप से निर्णय आठ नौ दिन के बाद लिया जाएगा। साथ ही वह दोहराती रही की वह कांग्रेसी हैं तथा कांग्रेसी रहेगी। किरण चौधरी ने जिस प्रकार से अपने समर्थको द्वारा आयोजित कार्यक्रम में एक व्यक्ति का नाम  लेकर कहां की उन्होंने आज यहां समोसा का इंतजाम किया हुआ है। मैंने उन्हें कहा कि लड्डू का भी इंतजाम करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि टिकट मिले या ना मिले उसका लड्डुओं से कोई संबंध नहीं है। अपना परिवार मिला है और वह परिवार मिला है जो स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह और चौधरी बंसीलाल के साथ सदैव खड़ा रहा है। परिवार के मिलने पर एक दूसरे को लड्डू खिलाए जाते हैं । किरण चौधरी द्वारा जिस प्रकार से आत्मविश्वास दिखाया जा रहा है तथा मजबूत विचार व्यक्त करते हुए व्यावहारिकता में अपने साथियों का मनोबल बनाकर रखने का प्रयास किया जा रहा है की संदेह है एक कुशल कप्तान की पारी में नजर आ रही है।

 किरण चौधरी को जहां राजनीतिक रूप से अपनी बेटी शुरू की चौधरी को मजबूत करना है तथा संभालना है वही टिकट न काटने से जो निराशा उन्हें उनकी पुत्री तथा उनके कार्यकर्ताओं में है उससे भी उभरने के लिए जिस प्रकार से मजबूत व्यक्ति तक पेश किया जा रहा है वह अपनी संदेह उनके राजनीतिक मित्रों के लिए काफी परेशानी पैदा कर सकता है। किरण चौधरी ने जिस प्रकार से भिवानी के अंदर आयोजित कार्यक्रम में सामने लगी सुरेंद्र सिंह की फोटो को देखते हुए भावनात्मक  कहा की सुरेंद्र सिंह मेरे तथा मेरी बेटी की तरफ देख रहे हैं कि हम जनता की सेवा कर रहे हैं या नहीं कर रहे हमें उन्हें दिया हुआ धर्म पूरा करना है। इसके अलावा किरण चौधरी ने अपने ससुर स्वर्गीय चौधरी बंसीलाल का कई बार उल्लेख किया तथा कहा कि ऐसी राजनीतिक परिस्थितियों चौधरी बंसीलाल के साथ भी बनी मगर वह कभी टस से मस नहीं हुए हम भी नहीं होंगे। 
 


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Content Writer

Isha

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