किसान आंदोलन: पंजाब-हरियाणा के मुख्यमंत्री आमने-सामने, खट्टर ने कहा- ''सीएम को ऐसी भाषा...''

punjabkesari.in Sunday, Nov 29, 2020 - 08:05 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): जहां एक ओर किसान चार दिनों से आंदोलन को जारी रखे हैं और दिल्ली बॉर्डर का घेराव कर दिया है। वहीं किसानों के आंदोलन को लेकर हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री आमने-सामने आ गए हैं। दोनों में फोन कॉल को लेकर विवाद पनपा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच बयानबाजी जारी है। इस बीच कैप्टन ने मनोहर लाल को झूठा तक कह दिया। इस पर हरियाणा मुख्यमंत्री के पर्सनल सेक्रेटरी अभिमन्यु सिंह ने सोशल मीडिया पर कॉल रिकॉर्ड पोस्ट कर दिया। जिसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर ने कैप्टन को करारा जवाब दिया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि हरियाणा के मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं कि उन्होंने कॉल किया और मैंने उन्हें जवाब नहीं दिया। उन्होंने हमारे किसानों के साथ ठीक नहीं किया। उन्हें माफी मांगनी चाहिए। अब अगर वे 10 बार भी कॉल करेंगे,तो भी मैं उनसे बात नहीं करूंगा। इसके पलटवार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी करार जवाब दिया और कहा कि एक मुख्यमंत्री को ऐसी भाषा शोभा नहीं देती। हमने फैसला लिया था कि कोरोना काल में किसी तरह की भीड़ प्रदेश में जुटने नहीं देंगे। केंद्र सरकार ने भी भीड़ जमा न करने के निर्देश दिए हैं। फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को आंदोलन करने की इजाजत कैसे दे दी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कैप्टन को चेताया कि अगर प्रदेश में कोरोना संबंधी हालात बिगड़े तो इसके लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार होगी। मैंने कैप्टन अमरिंदर सिंह से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मेरा कॉल रिसीव करने से इंकार कर दिया। यही नहीं मुझे झूठा बताते हुए कहा कि मैंने कोई कॉल नहीं किया। जब मैंने कॉल प्रूफ दिया तो उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकला। 

इससे पहले मुख्यमंत्री ने आंदोलन में माहौल बिगाडऩे वाले लोगों के शामिल होने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि इसमें अवांछित लोग शामिल हो गए हैं। एक वीडियो सामने आया है,जिसमें नारेबाजी हो रही है कि जब इंदिरा (पूर्व प्रधानमंत्री) के साथ ऐसा कर सकते हैं तो मोदी को क्यों नहीं। मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की ओर इशारा करते हुए कहा कि आंदोलनकारी किसानों के बीच नारेबाजी के जो वीडियो सामने आए हैं, उससे इस बात की पुष्टि हो रही है कि आंदोलन में अवांछित लोग शामिल हैं। हमें इनपुट मिले हैं लेकिन अभी इसका खुलासा नहीं कर सकते। जांच करवा रहे हैं।

सीएम ने हरियाणा पुलिस के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस ने पूरे संयम से काम लिया और कहीं भी बल प्रयोग नहीं किया। बकौल मुख्यमंत्री इतनी बड़ी संख्या में किसानों के दिल्ली जाने का कोई औचित्य नहीं है। सरकार से बातचीत तो किसानों के प्रतिनिधियों के द्वारा भी की जा सकती है। उन्होंने पंजाब के किसानों से अपील करते हुए कहा कि उनके प्रतिनिधि इस मामले में केंद्र सरकार से बात करें, क्योंकि बातचीत ही इसका समाधान है।


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Shivam

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