कुरुक्षेत्र : 37 साल में पहली बार खिला था कमल

punjabkesari.in Saturday, Mar 23, 2019 - 09:50 AM (IST)

कैथल (महीपाल): कुरुक्षेत्र संसदीय सीट पर राजनीतिक लड़ाई में मुकाबला कई पक्षों के बीच होना है। इस समय इस लोकसभा क्षेत्र का जो राजनीतिक वातावरण दिख रहा है उसे देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि चुनावी लड़ाई रोमांचक होगी। 1977 में कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट का गठन हुआ था और 2014 में पहली बार यहां से भारतीय जनता पार्टी विजयी हुई। इससे पहले कांग्रेस, हविपा और इनैलो प्रत्याशी इस सीट से सांसद चुने गए हैं। कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में सर्वाधिक जाट मतदाता हैं परन्तु लंबे समय से इस समुदाय का कोई सांसद नहीं बन पाया। लोकसभा क्षेत्र के अंदर कुल 9 विधानसभा क्षेत्र-लाडवा, शाहाबाद, थानेसर, पिहोवा, रादौर, गुहला, कलायत, कैथल और पूंडरी शामिल हैं। 

2014 में भाजपा से राजकुमार सैनी बने थे सांसद
2014 में भारतीय जनता पार्टी से राजकुमार सैनी ने कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस से लगातार 2 बार सांसद रह चुके उद्योगपति नवीन जिंदल को हराया। इस चुनाव में राजकुमार सैनी को करीब 37 फीसदी वोट के साथ 4,18,112 मत मिले थे जबकि इनैलो के बलबीर सैनी को 25 फीसदी वोट के साथ कुल 2,88,376 वोट मिले, जबकि 2004 और 2009 में कुरुक्षेत्र से सांसद रहे कांग्रेस के नवीन जिंदल को 2,87,722 वोट मिले थे। 

लोकसभा के लिए ताल ठोंक रहे हैं विधायक, मंत्री 
हिंदुस्तान की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा में पहुंचने के लिए हरियाणा के मंत्री और विधायक भी ताल ठोंक रहे हैं। भाजपा सरकार के एक मंत्री और एक विधायक ने दिल्ली तथा प्रदेश दरबार के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर अपना दावा पेश किया है। इनका मानना है कि लोकसभा चुनाव में नमो व मनो के सहारे उनकी जीत आसानी से हो जाएगी।


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Deepak Paul

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