अगर आप गैस गीजर का इस्तेमाल करते हैं तो हो जाएं सावधान

punjabkesari.in Wednesday, Jan 18, 2017 - 03:56 PM (IST)

ज्योतिसर (सुशील):सर्दी शुरू होते ही घरों में गैस गीजर का इस्तेमाल शुरू हो जाता है। हर साल अनेक घरों में नए गैस गीजर भी लगते हैं। गैस गीजर के साइड इफैक्ट से हर साल हादसे होते हैं। विशेषज्ञों की राय है कि कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखकर गैस गीजर की वजह से होने वाले हादसों से बचा जा सकता है। गीजर बाथरूम के भीतर नहीं होना चाहिए। बाथरूम के बाहर गैस गीजर हो तो खतरा कम होता है। यह गाइड लाइंस गैस गीजर की पैकिंग पर भी दी जाती हैं लेकिन अक्सर लोग इसे नजरंदाज कर देते हैं।

ऐसे जानलेवा होता है गीजर
गैस गीजर का इस्तेमाल सिर्फ बंद कमरे में खतरनाक साबित होता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि गीजर में जब एल.पी.जी. जलती है, तो उसे ऑक्सीजन की जरूरत होती है। 
बाथरूम में गैस गीजर चालू रखने से ऑक्सीजन खत्म हो जाती है। ईंधन को जलने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन न मिलने से कार्बन-मोनो-आक्साइड व नाइट्रो आक्साइड गैस उत्पन्न होती है। यह गैस सांस के साथ शरीर में प्रवेश करती है। शरीर को ऑक्सीजन न मिलने व जहरीली गैस मिलने के कारण मौत हो जाती है। यह प्रक्रिया उसी तरह होती है, जैसे बंद कमरे में अंगीठी जलाने से होती है।

सोलर गीजर सबसे अच्छा विकल्प
पानी गर्म करने के कई तरीके हैं। गैस, चूल्हा, इलैक्ट्रॉनिक गीजर, हीटर, रॉड व अंगीठी आदि से पानी गर्म किया जा सकता है लेकिन सोलर गीजर सबसे अच्छा विकल्प है। इसके इस्तेमाल से बिना गैस और बिजली खर्च किए पानी गर्म किया जा सकता है।

चिकित्सक का कथन
सिविल अस्पताल के एम.डी डा. जगबीर सिंह संधू बताते हैं कि कार्बन-मोनो-आक्साइड शरीर में जाने से व्यक्ति पहले बेहोश होता है। इसके बाद दिमाग भी कोमा जैसी स्थिति में चला जाता है। कुछ पता नहीं चलता कि क्या हो रहा है। व्यक्ति दरवाजा खोलकर बाहर आने की स्थिति में भी नहीं रहता और अंदर ही दम तोड़ जाता है।


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