आईएएस अधिकारी अशोक खेमका द्वारा सीएम खट्टर को लिखी चिट्ठी ने मचाया हड़कंप

punjabkesari.in Tuesday, Mar 29, 2022 - 05:20 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंदशेखर धरणी) हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका द्वारा एक चिट्ठी लिखकर रजिस्ट्रियों  के मामले में 300 करोड़ रुपए की घूस के मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जनशक्ति आवाज के राष्ट्रीय संयोजक और बार काउंसिल के पूर्व चेयरमैन रणधीर सिंह बधराण ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग करते हुए कहा कि जीरो टॉलरेंस रखने वाली हरियाणा सरकार अशोक खेमका के पत्र पर इस मामले की जांच सीबीआई से करवाए।

रणधीर सिंह बधराण ने कहा कि अशोक खेमका की चिट्ठी के मुताबिक विधानसभा में रजिस्ट्रियों में हुए घोटाले पर सरकार घिर चुकी है। पिछले 14 दिन में लोगों ने 116 शिकायत की हैं। कई लोगों ने तो यहां तक कहा कि उनके पास प्रूफ के तौर पर ऑडियो और वीडियो हैं, आप कार्रवाई कीजिए। रणधीर ने कहा कि कई लोगों ने पटवारी और तहसीलदार की फर्जी रिकार्ड तैयार करने की शिकायत की है और मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के बदले भी घूस मांगी जा रही है। कुछ लोगों के टोल फ्री नंबर पर शिकायत की बात कहने पर कार्य किए गए।

वहीं दूसरी ओर 7ए के तहत 52 महीने में हुई रजिस्ट्रियों में 64,577 में मिली गड़बड़ियों को लेकर सीनियर आईएएस एवं नूंह जिले के प्रभारी अशोक खेमका ने मुख्यमंत्री को भेजी चिट्ठी में लिखा है कि ऑनलाइन सिस्टम में भी छेद है।

रणधीर सिंह बधराण ने कहा कि अशोक खेमका की चिट्ठी के अनुसार हिसार-रेवाड़ी से 8-8, सिरसा-कैथल से 7-7, जींद-अम्बाला से 6-6, चरखी दादरी-झज्जर से 5-5, फतेहाबाद-करनाल से 4-4, गुड़गांव-पंचकूला-कुरुक्षेत्र से 3-3, शिकायत आई हैं। सिरसा जिले की एक तहसील से 15 मार्च को पहली शिकायत आई कि रजिस्ट्री के लिए 25 हजार रुपए की मांग की गई है।

रणधीर सिंह बधराण ने कहा कि अशोक खेमका की चिट्ठी के अनुसार जब रजिस्ट्रियां हो रही थी, तब एचएसवीपी और हाउसिंग बोर्ड लोगों को मकान नहीं दे पाया। जब रजिस्ट्रियां में अनियमितता हो रही थी, तब एचएसवीपी और हाउसिंग बोर्ड लोगों की आवश्यकता पूरी करने में असफल रहे।

रणधीर सिंह बधराण ने कहा कि अशोक खेमका की चिट्ठी के अनुसार पोर्टल से ऑनलाइन जमाबंदी की कॉपी ऑफिशियल मान्य नहीं होती। तहसील में भी पोर्टल से निकाली गई कॉपी मान्य नहीं करते। इसलिए यह अनावश्यक है। लोगों को इसलिए तहसील जाना पड़ता है। जहां स्पीड मनी के लिए पेमेंट करनी पड़ती है। इसलिए सरकार ऑनलाइन ही क्यूआर कोड व प्रॉपर्टी आईडी भी अटैच करे। इसके लिए फीस ली जा सकती है। पटवारी से सत्यापित करना भी अनावश्यक है।


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Isha

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