मनोहर सरकार में जातिवाद, पुत्र मोह या क्षेत्रवाद जैसे भेदभाव का नहीं है कोई स्थान : अनिल धंतौड़ी

punjabkesari.in Sunday, Jan 29, 2023 - 05:27 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : शाहाबाद मारकंडा से कांग्रेस विधायक रहे अनिल धनतोड़ी ने कहा है कि मनोहर सरकार ने कभी किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया है। इस सरकार में जातिवाद, पुत्रमोह और क्षेत्रवाद की सोच का कोई स्थान नहीं है। साफ-सुथरी छवि के नेता मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश आज दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की की ओर अग्रसर है।

 

अनिल धंतौड़ी ने कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बिना परिवारवाद- क्षेत्रवाद और जातिवाद के प्रदेश के सभी 90 क्षेत्रों का विकास किया। अंतोदय की भावना उनके दिल में है, यह साबित हुआ है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सड़क में गड्ढे या गड्ढों में सड़क जैसे ब्यान देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछता हूं कि लाखों वाहन जिस नेशनल हाईवे से गुजरते हैं,  किसी को उस पर कोई गड्ढे नजर नहीं आए। इसलिए उन पर शायद उम्र का तकाजा है।जिन्होंने प्रदेश में भरपूर क्षेत्रवाद किया, वह आज सवाल कर रहे हैं। धंतौड़ी ने कहा कि मोदी,मनोहर परिवारवाद के खिलाफ है और हुड्डा को दीपेन्द्र को राजनीति में स्थापित करने की पड़ी है। हुड्डा के कारण कांग्रेस समापन की ओर है और दावा करता हूं कि अगर हुड्डा के हाथ में चौधर और बागडोर रही तो अगले 20 साल तक भी कांग्रेस सत्ता में नहीं आएगी। 95 साल तक क्या वह राजनीति करते रहेंगे। किसी को आगे नहीं आने एक ही सोच बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

 

धंतौड़ी ने कहा कि  हुड्डा 75 साल के बुजुर्ग व सम्मानीय नेता है, लेकिन मेरी ही उम्र के दीपेंद्र हुड्डा के पुत्र मोह में इतने फंसे हैं कि उन्होंने हरियाणा से कांग्रेस को खत्म कर दिया है। 18 साल से उनके नेतृत्व में कांग्रेस उनके नेतृत्व में चल रही है। 2005 में चौधरी भजन लाल प्रदेश अध्यक्ष थे, उनके नेतृत्व में कांग्रेस 67 सीटें जीती। लेकिन कमान हुड्डा को सौंप दी गई। 2005 से 09 तक हुड्डा मुख्यमंत्री रहे और अगले चुनाव में यह सीटें घटकर 67 से 40 पर रह गई। 27 सीटें हाथ से निकल गई और फिर 2009 से 2014 तक हुड्डा मुख्यमंत्री रहे और 40 से घटकर सीटें अगले चुनाव में मात्र 15 रह गई। 25 सीटें और हाथ से निकल गई यानी 10 साल के इनके कार्यकाल में सीटें 67 से घटकर मात्र 15 तक सिमट गई। हुड्डा के नेतृत्व की यह उपलब्धि भी कांग्रेस हाईकमान ने नहीं देखी। 2019 का चुनाव भी प्रदेश में हुड्डा के नेतृत्व में लड़ा गया। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बहन कुमारी शैलजा को हटा दिया। पूर्व विधायक उदय भान अध्यक्ष बनाए गए और उदयभान को अध्यक्ष बनाने पर सबसे पहला विरोध मैंने करते हुए कहा की खड़ेउ को कुर्सी पर बिठाया गया है।

 

धंतौड़ी ने कहा कि कोई भूपेंद्र हुड्डा और कोई दीपेंद्र हुड्डा के मुख्यमंत्री बनने की बात कह रहे हैं, लेकिन दीपेंद्र हुड्डा ने कभी संगठन में काम नहीं किया। इसके बावजूद उन्हें राज्यसभा में सांसद बना दिया गया। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव में पिता और पुत्र में आपस में रेस लगी हुई है कि कौन मुख्यमंत्री होगा। बहुत से वरिष्ठ नेता भी अपने को मुख्यमंत्री बता रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस भला कैसे आगे आ पाएगी। उन्होंने कांग्रेस की गुटबाजी को भाजपा के लिए फायदेमंद बताते हुए कहा कि कांग्रेस में 25 साल का अनुभव मेरा यह कहता है कि गुटों के बीच हुई कांग्रेस कभी नहीं पनप पाएगी। क्योंकि वहां न तो नेता है, ना सोच है, ना नियत और ना ही नियति है। ऐसे में कैसे पार्टी आगे बढ़ेगी और ऐसी पार्टी क्या देश और प्रदेश को आगे बढ़ा पाएंगे।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan

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