ऐलनाबाद में जीतकर भी हारी इनेलो: मनोहर लाल, बोले- विपरीत हालातों में भी भाजपा ने किया बेहतर प्रदर्शन

punjabkesari.in Sunday, Nov 07, 2021 - 07:07 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में हुए ऐलनाबाद उपचुनाव में भाजपा के प्रदर्शन को बेहतर करार देते हुए कहा है कि इस चुनाव में इनेलो प्रत्याशी जीतकर भी हारे हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी को बढ़त मिली है।रविवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में शामिल होकर मुख्यमंत्री ने हाईकमान के समक्ष ऐलनाबाद उपचुनाव समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर रिपोर्ट रखी। बैठक में हरियाणा की तरफ से मुख्यमंत्री के अलावा प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़, संगठन मंत्री रविंद्र राजू व मंत्री संदीप सिंह भी जुड़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण इस बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक नहीं हो पाई थी, अब हालात सामान्य होने के बाद यह बैठक हुई है। बैठक में उपचुनावों के परिणाम पर भी चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन के चलते कई तरह के दुषप्रचार किए गए और भ्रम फैलाने का प्रयास किया गया, लेकिन ऐलनाबाद के लोगों ने उसे सिरे से नकार कर दिया है। उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया है। इनेलो प्रत्याशी जीत के बावजूद हारे हैं और भाजपा पहले के मुकाबले मजबूत होकर आगे आई है। उन्होंने कहा कि हम भाजपा-जजपा गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी को इनफॉर्मल एमएलए मानते हैं।

उन्होंने बताया कि आज की बैठक में निकट भविष्य में होने वाले विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों पर भी चर्चा हुई है। बैठक में प्रदेश में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान पर भी रिपोर्ट हाईकमान को दी गई है। कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाएं बहुत कम हैं। दूसरी लहर करीब-करीब खात्मे की तरफ है। केंद्र सरकार द्वारा पैट्रोल व डीजल के दाम कम करने के बाद हरियाणा ने भी इसमें कटौती कर दी है। पड़ोसी राज्यों के मुकाबले हरियाणा के दाम कम है।

बैठक में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ द्वारा संगठनात्मक स्तर पर किए जा रहे कार्यों, उपचुनाव में संगठन की भूमिका तथा संगठन की भविष्य की रणनीति के बारे में रिपोर्ट पेश की गई। बैठक में भाग लेने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण का कानून लागू हो चुका है। यह कानून विभिन्न औद्योगिक संगठनों तथा उद्योगपतियों की सहमति के बाद लागू किया गया है। जिसके चलते सरकार ने वेतन के स्लैब को पचास हजार से कम करके तीस हजार कर दिया है।    

 

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Content Writer

vinod kumar

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