‘आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक’ आधुनिक तकनीक से लैस होगा: विज

punjabkesari.in Thursday, Sep 16, 2021 - 10:55 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के गृह, शहरी स्थानीय निकाय एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की क्रांति के अनसंग असंख्य योद्धाओं व सेनानियों की याद में अंबाला में बनाया जा रहा ‘आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक’ संभवत: देश का सबसे बड़ा व आधुनिक तकनीक से लैस शहीद स्मारक होगा। उन्होंने कहा कि शहीद स्मारक को स्थापित करने के संबंध में विभिन्न विभागों, संस्थाओं तथा विश्वविद्यालय से संबंधित अधिकारियों की राज्य स्तर की एक कमेटी का गठन किया जाएगा ताकि शहीद स्मारक को तैयार करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करते हुए स्मारक को जल्द से जल्द स्थापित किया जा सकें।

विज आज यहां पर अंबाला छावनी में बनाए जा रहे ‘आजादी की पहली लड़ाई का शहीद स्मारक’ के संबंध में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। बैठक में लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित कुमार अग्रवाल भी उपस्थित थे। गृह मंत्री ने कहा कि इस षहीद स्मारक को तैयार करने के लिए इतिहास की पुख्ता वस्तुओं व कहानियों को दिखाने हेतू 1857 से संबंधित इतिहासकारों की एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसमें वे अपने-अपने अध्ययन के अनुसार जो सुझाव देंगें, उन्हें स्मारक में विभिन्न कलाकृतियों, आर्ट, लाईट एंड साऊंड इत्यादि के माध्यम से आंगुतकों के ज्ञान के लिए दर्शाया जाएगा और इसी संबंध में जल्द ही अधिसूचना भी जारी की जाएगी।

इसी प्रकार, पंडित लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी आफ परफोरर्मिंग एंड विज्युल आर्टस के अधिकारियों की एक टीम का गठन किया जाएगा ताकि वे स्मारक स्थल का निरीक्षण कर विभिन्न सुझाव राज्य स्तर पर बनाई जाने वाली कमेटी को दे सकें। यह टीम स्मारक में लगाई जाने वाली विभिन्न प्रदर्शित वस्तुओं के रख-रखाव व मूल्यांकन के लिए अपने सुझाव भी देगी। ऐसे ही, स्मारक को शीघ्र स्थापित करने के लिए क्यूरेटर भी नियुक्त किए जाएंगे। 

स्मारक अपनी तरह का आधुनिक तकनीक से लैस स्मारक होगा
बैठक में विज को बताया गया कि यह स्मारक अपनी तरह का आधुनिक तकनीक से लैस स्मारक होगा जिसमें आज की आधुनिक डिजीटल तकनीक का इस्तेमाल इतिहास को दिखाने के लिए किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि इस स्मारक में तीन भागों में 1857 की कं्राति का पर्दापरण होगा जिसमें पहले चरण के तहत अम्बाला में 1857 की क्रांति कब शुरू हुई थी, कहां से शुरू हुई थी, उसका इतिहास दिखाया जायेगा। दूसरे चरण में हरियाणा में 1857 की क्रांति कहां-कहां लड़ी गई, उसका वर्णन किया जायेगा और तीसरे चरण में हिन्दुस्तान में कहां-कहां आजादी की लड़ाई लड़ी गई, झांसी की रानी, बहादुरशाह जफर के साथ-साथ अन्य क्रांतिकारियों ने अपनी क्या-क्या भूमिका निभाई, उसका भी वर्णन किया जाएगा।

स्मारक में लोगों की सुविधा के लिए इंडोर नेवीगेशन सिस्टम होगा
बैठक में बताया गया कि इस स्मारक में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए इंडोर नेवीगेषन सिस्टम होगा जिसके तहत आडियो के माध्यम से आंगुतक को स्मारक में आने खडे होने की जानकारी मुहैया हो पाएगी। इसी प्रकार, 1857 की क्रंाति की इस लड़ाई की योजना को भी डिजीटल तकनीक से दर्षाने का काम होगा और भी बताया जाएगा कि किस प्रकार से 1857 के बाद अगले 90 सालों के लिए स्वतंत्रता का संग्राम लड़ा गया।

बैठक में बताया गया कि इस स्मारक में 1857 केे काल की आर्थिक, राजनीतिक, प्रशासनिक, धार्मिक व सामाजिक परिस्थितियों का भी व्यापक वर्णन आधुनिक तकनीक के प्रयोग के माध्यम से किया जाएगा। इसी प्रकार, स्मारक में स्थापित किए जाने वाले संग्रहालय में इतिहास से जुडी पुख्ता वस्तुओं को प्रदर्षन होगा क्योंकि संग्रहालय में रखी जाने वाले वस्तुओं से लोगों को सही ज्ञान प्राप्त करने का एक माध्यम भी प्राप्त होता हैं। 

स्मारक में डिजीटल संकल्प स्तंभ की भी होगी स्थापना
बैठक में यह भी बताया गया कि हरियाणा व राज्य के कारीगरों को बढावा देने के मदेनजर इस स्मारक में विभिन्न ऐसी वस्तुओं को भी दर्शाया जाएगा जोकि हरियाणा के देहात में विभिन्न कारीगरों द्वारा तैयार की जाती है। स्मारक में डिजीटल संकल्प स्तंभ की भी स्थापना की जाएगी ताकि आने वाले लोग देशभक्ति के प्रति एक संकल्प लेकर जाए। बैठक में बताया गया कि यह संकल्प स्तंभ अपनी तरह का अलग डिजीटल स्तंभ होगा जिसमें विभिन्न प्रकार की लाईटों के प्रकाश का उजाला संकल्प लेते समय निकलेगा। इसी प्रकार, देष-विदेश के चित्रकारों के दुर्लभ चित्र भी स्मारक के दीवारों पर होंगें जिसमें आजादी की पहली लड़ाई के दृश्य होंगे। बैठक में बताया गया कि स्मारक में ओपन एयर थियेटर भी बनाया जा रहा है कि जिसमें हरियाणा सरकार की उपलब्धियां दिखाई जाएगी और लाईट एंड साऊंड भी होगा। 

उल्लेखीनय है कि यह शहीद स्मारक सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा स्थापित किया जा रहा हैं जोकि लगभग 300 करोड़ रूपए की लागत से बनाया जा रहा है। यह शहीद स्मारक 22 एकड़ भूमि में स्थापित होगा और संभवत: यह अगले वर्ष तक तैयार हो जाएगा। 

पर्यटन की दृष्टि से राष्ट्रीय स्तर का स्मारक अपनी अलग छाप छोड़ेगा: विज
गृहमंत्री ने बताया कि पर्यटन की दृष्टि से राष्ट्रीय स्तर का स्मारक अपनी अलग छाप छोड़ेगा, देश के मानचित्र पर यह आएगा। अंबाला का गौरव बढ़ेगा, यहां से गुजरने वाले लोग इस स्मारक को देखे बिना नहीं जायेगे। अनसंग वीरों की अनेक गाथाएं यहां पर प्रदर्शित होंगी। यहां पर अनेकों ऐसे दृश्य होंगे जिसे देखकर लोग अचम्भित होंगे। उन्होंने बताया कि प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम 1857 की क्रांन्ति के अनसंग असंख्य योद्धाओं व सेनानियों को राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान भी मिलेगी। बैठक में लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने भी अपने-अपने सुझाव दिए। बैठक में गृह मंत्री को एक प्रस्तुति भी दिखाई गई।


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Content Writer

Shivam

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