मायावती ने अभय चौटाला को दिया बड़ा झटका, इनेलो से खत्म किया गठबंधन
punjabkesari.in Friday, Oct 11, 2024 - 04:07 PM (IST)
हरियाणा डेस्क : बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ऐलान किया है कि अब बसपा किसी भी राज्य में किसी क्षेत्रीय पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। कांग्रेस और भाजपा से वो बराबर दूरी पर रहेगी। इसका सीधा मतलब ये है कि बसपा अब यूपी समेत किसी भी राज्य में सारे चुनाव अपने दम पर अकेले ही लड़ेगी। हरियाणा में लगातार दूसरे विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) का खाता ना खुलने से भड़कीं मायावती ने कहा है कि बसपा का अपने उद्देश्य से इधर- उधर भटकना हानिकारक है। अब बसपा सिर्फ बहुजन समाज के लोगों को जुटाकर राजनीतिक ताकत बनाने और उनको शासक वर्ग बनाने का आंदोलन रहेगी। मायावती ने हरियाणा चुनाव के नतीजों के दिन जाट समाज का वोट ना मिलने का आरोप लगाया था।
1. यूपी सहित दूसरे राज्यों के चुनाव में भी बीएसपी का वोट गठबंधन की पार्टी को ट्रांसफर हो जाने किन्तु उनका वोट बीएसपी को ट्रांसफर कराने की क्षमता उनमें नहीं होने के कारण अपेक्षित चुनाव परिणाम नहीं मिलने से पार्टी कैडर को निराशा व उससे होने वाले मूवमेन्ट की हानि को बचाना जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) October 11, 2024
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'यूपी सहित दूसरे राज्यों के चुनाव में भी बीएसपी का वोट गठबंधन की पार्टी को ट्रांसफर हो जाने, किंतु उनका वोट बीएसपी को ट्रांसफर कराने की क्षमता उनमें नहीं होने के कारण अपेक्षित चुनाव परिणाम नहीं मिलने से पार्टी कैडर को निराशा और उससे होने वाले मूवमेंट की हानि को बचाना जरूरी है। इसी संदर्भ में हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम और इससे पहले पंजाब चुनाव के कड़वे अनुभव के मद्देनजर आज हरियाणा और पंजाब की समीक्षा बैठक में क्षेत्रीय पार्टियों से भी अब आगे गठबंधन नहीं करने का निर्णय लिया गया है, जबकि भाजपा/एनडीए और कांग्रेस/इंडिया गठबंधन से दूरी पहले की तरह ही जारी रहेगी।
2. इसी संदर्भ में हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम व इससे पहले पंजाब चुनाव के कड़वे अनुभव के मद्देनजर आज हरियाणा व पंजाब की समीक्षा बैठक में क्षेत्रीय पार्टियों से भी अब आगे गठबंधन नहीं करने का निर्णय, जबकि भाजपा/एनडीए व कांग्रेस/इण्डिया गठबंधन से दूरी पहले की तरह ही जारी रहेगी।
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हरियाणा में ना मायावती की BSP जीती, ना चंद्रशेखर आजाद की ASP का खाता खुला
हरियाणा में जब तक मायावती की पार्टी बसपा अकेले लड़ी, उसे 3 परसेंट से ऊपर वोट मिल रहे थे। 2000 के चुनाव में उसे 5.74 फीसदी वोट और एक सीट मिली। 2005 में 3.22 परसेंट वोट के साथ एक सीट पर जीत मिली। 2009 में भी एक सीट मिली लेकिन वोट 6.73 फीसदी तक पहुंचा। 2014 के चुनाव में 4.37 परसेंट के साथ बसपा को एक सीट जीत सकी। 2019 के चुनाव में बसपा को वोट 4.21 परसेंट तक गिर गया और कोई सीट भी नहीं मिली।
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