जलभराव को लेकर विधायक समेत मेयर और पार्षद धरने पर बैठे, जल्द समाधान नहीं हुआ भूख हड़ताल की दी चेतावनी
punjabkesari.in Friday, Jun 30, 2023 - 03:53 PM (IST)

सोनीपत(सन्नी मलिक): सोनीपत नगर परिषद को भंग कर नगर निगम बनाया गया था,जिससे जनता को सभी तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जा सके, लेकिन नगर निगम बनाने के बाद सोनीपत वासियों की समस्याएं घटने की वजह बढ़ गई है। क्योंकि जिनके कंधों पर समाधान का भार है। वह समाधान नहीं करवा पा रहे हैं और नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ धरने पर बैठना शुरू हो गए हैं। सोनीपत से कांग्रेसी विधायक, मेयर और सभी पार्षद अधिकारियों के खिलाफ नगर निगम कार्यालय में ही धरने पर बैठ गए हैं। सभी जनप्रतिनिधियों का कहना है कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों की बातों को दरकिनार कर रहे हैं। जिसकी वजह से सोनीपत की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है और जलभराव की समस्या पैदा हो गई है। उन्होंने 15 दिन का समय अधिकारियों को दिया है। अगर समाधान नहीं हुआ तो सभी भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।
इससे पहले भी अधिकारियों के खिलाफ दे चुकें हैं धरना
बता दें कि सोनीपत में कूड़ा उठान का टेंडर जेबीएम कंपनी को दिया गया है और यह पहली बार नहीं हुआ है कि कांग्रेसी विधायक मेयर और पार्षद धरने पर बैठे हो। इससे पहले भी नगर निगम कार्यालय के मेन गेट पर सभी धरने पर बैठे थे। हालांकि हाउस की बैठक में सभी ने अपनी सहमति जताई थी। साथ ही धरना भी समाप्त कर दिया था, लेकिन एक बार फिर से कांग्रेसी विधायक और सभी पार्षद नगर निगम अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए हैं। सभी जनप्रतिनिधियों का कहना है कि अधिकारियों को वह शहर के कूड़ा उठान और जलभराव की समस्या से पहले ही अवगत करा चुके थे और निर्देश दिए थे कि सभी ड्रेनों, सड़कों और नालों की सफाई करवाई जाए, ताकि जलभराव की समस्या से जनता को निजात मिल सके।
शहर में जलभराव और कूड़े का लगा अंबार
वहीं अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों की बातों को दरकिनार कर दिया। जिसके चलते शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं और जलभराव की समस्या पैदा हो गई है। वहीं सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पवार और मेयर निखिल मदान का कहना है कि जिले में सफाई का टेंडर जेबीएम कंपनी को दिया गया है,लेकिन कंपनी सही ढंग से कार्य नहीं कर रही है। जिसके चलते शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं और अधिकारियों को जब इस बारे में कहा जाता है तो वह बात को टाल देते हैं। वहीं बारिश से पहले सभी ट्रेन और नालों की सफाई के लिए भी निर्देश दिए थे। अब देखने वाली बात होगी कि अधिकारियों द्वारा जलभराव की समस्या का समाधान कराया जाता है या विधायक समेत मेयर भूख हड़ताल करने पर मजबूर हो जाएंगे।
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