साइन बोर्ड पर नेताओं के विज्ञापन बरकरार, नए गुड़गांव में यूनिपोल पर लगे 26 अवैध विज्ञापन हटाए
punjabkesari.in Thursday, May 15, 2025 - 08:44 PM (IST)

गुड़गांव, (ब्यूरो): शहर में साइन बोर्ड पर लगे नेताओं के विज्ञापनों में कार्रवाई करने में नाकाम नगर निगम द्वारा नए गुड़गांव में अवैध रूप से लगे विज्ञापनों पर कार्रवाई की है। नगर निगम द्वारा नए गुड़गांव में एक अवैध रूप से लगा यूनिपोल जब्त करने के साथ ही अलग-अलग स्थानों पर लगे यूनिपोल पर लगे 26 अवैध विज्ञापनों को हटाया गया है।
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वीरवार को निगम की विज्ञापन शाखा की टीम ने सहायक अभियंता आशीष हुड्डा के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए सरकारी भूमि पर अवैध रूप से लगे यूनिपोल को चिंटल सोसायटी के पास से हटाकर जब्त कर लिया। अभियान के दौरान टीम ने निजी जमीन पर बिना निगम स्वीकृति लगाए गए दो अन्य अवैध यूनिपोल पर भी त्वरित कार्रवाई की। इसके अतिरिक्त, निगम शुल्क का भुगतान लंबित होने के कारण 26 यूनिपोल पर लगे होर्डिंग्स को हटाया गया। नगर निगम की टीम ने अन्य प्रकार के होर्डिंग्स व विज्ञापन बोर्डों पर भी कार्रवाई की, जो नियमों के विरुद्ध पाए गए।
नगर निगम के आयुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और अवैध तरीके से लगाए गए किसी भी विज्ञापन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार के विज्ञापन को प्रदर्शित करने से पूर्व नगर निगम से स्वीकृति लेना अनिवार्य है। इसके साथ ही जिन विज्ञापनों के शुल्क का समय पर भुगतान नहीं किया जाता है तो उसे भी हटाया जा रहा है।
आपको बता दें कि गुड़गांव जैसे तेजी से बढ़ते शहर में, अवैध विज्ञापन प्रशासनिक नियमों की अवहेलना और संभावित सुरक्षा जोखिम पैदा करते हैं। नगर निगम द्वारा शुरू किया गया यह विशेष अभियान शहर को व्यवस्थित और सौंदर्यपूर्ण बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार की कार्रवाई से ऐसे लोगों के लिए भी एक सशक्त संदेश है, जो बिना अनुमति और शुल्क दिए शहर की सार्वजनिक और निजी संपत्तियों का दुरुपयोग करते हैं। नगर निगम की यह पहल एक बेहतर, सुरक्षित और अधिक व्यवस्थित शहर की ओर बढ़ते कदम का प्रतीक है—जिसकी आवश्यकता आज के शहरी जीवन में और भी अधिक महसूस की जा रही है। हालांकि पुराने गुड़गांव में लोगों को रास्ता बताने वाले साइन बोर्ड को ज्यादातर नेताओं के अवैध विज्ञापनों ने ढका हुआ है जिसकी तरफ अधिकारियों का कोई ध्यान ही नहीं है। अब देखना यह होगा कि इन साइन बोर्ड को अवैध विज्ञापन से मुक्त करने के लिए नगर निगम की तरफ से क्या कार्रवाई अमल में लाई जाती है।