कुंडली में उद्योग ठप्प, किसानों के हटने की उम्मीद में ठहरे मजदूरों का पलायन शुरू

punjabkesari.in Saturday, Dec 26, 2020 - 11:57 AM (IST)

सोनीपत: किसानों के लगातार बढ़ते आंदोलन ने मजदूरों पर आफत ला दी है। खासकर कुंडली के बचे मजदूरों ने भी अब पलायन शुरू कर दिया था। यहां बहुत से मजदूर इस इंतजार में थे कि कुछ दिनों में किसानों का समाधान हो जाएगा और वे कुंडली बार्डर को खाली कर देंगे लेकिन अब मजदूरों को यह आशंका है कि किसानों का यह आंदोलन महीनों चल सकता है। माहभर से कुंडली में करीब 1000 उद्योग बंद पड़े हैं जिस कारण अब मजदूरों के पास खाने के पैसे भी खत्म हो चले हैं। ऐसे में मजदूरों ने परिवारों के साथ घर की ओर जाना शुरू कर दिया है। यहां से करीब 5000 मजदूर पहले ही पलायन कर चुके हैं। 

3 कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर पंजाब के किसान गत 26 नवम्बर को कुंडली बार्डर पर आकर डटे थे और अब एक माह बाद भी किसान यहां से नहीं हटे हैं। लगातार सरकार व किसानों के रवैये को देखते हुए यह साफ हो रहा है कि आंदोलन अभी लंबा चल सकता है। इसका सीधा असर एन.सी.आर. के उद्योगों पर पड़ा है। सोनीपत के राई व कुंडली के अलावा साथ लगते नरेला क्षेत्र के करीब 3 हजार उद्योग प्रभावित हैं और कुछ पर तो ताले लटक चुके हैं। आंदोलन के कुछ दिन बाद ही मजदूरों ने यहां से पलायन शुरू कर दिया था। कुछ मजदूर इस उम्मीद में यहीं ठहर गए थे कि कुछ दिनों में किसानों के आंदोलन का समाधान हो जाएगा लेकिन अब एक माह बीत जाने के बाद भी किसानों का धरना बरकरार है। 

मजदूर बोले, पहले कोरोना ने मारा अब किसान आंदोलन ने 
सालभर से संकट से जूझ रहे मजदूरों के लिए घोर आर्थिक संकट आन खड़ा हुआ है। कोरोना काल में करीब 6 माह तक फैक्टरियां बंद रहने से मजदूर पलायन कर गए थे लेकिन जुलाई के अंत में धीरे-धीरे फैक्टरियां खुलने लगीं तो मजदूरों का आना शुरू हो गया था। अब फिर से करीब एक माह से मजदूरों पर आफत आ गई है। यहां कुंडली बार्डर पर हजारों किसानों के जमा होने से कुंडली व आसपास के उद्योग-धंधे पूरी तरह से ठप्प हैं। उद्योगों में न तो कच्चा माल पहुंच रहा है और न ही वहां से तैयार माल आगे जा रहा है। मजदूरों का कहना है कि कोरोना की मार से वे उभरे नहीं थे कि किसानों के आंदोलन ने उनके लिए दिक्कत पैदा कर दी है। 


किसानों के आंदोलन को कुंडली बार्डर पर शुरू हुए एक माह हो चुका है। कुंडली के एक हजार से ज्यादा उद्योग इस आंदोलन से प्रभावित हैं और अब तक कई सौ करोड़ का नुक्सान यहां हो चुका है क्योंकि बहुत से उद्योग ऐसे हैं जहां से करोड़ों का माल रोजाना एक्सपोर्ट होता था। अब न केवल एक्सपोर्ट रुक गया है बल्कि यहां कच्चा माल व तैयार माल का आवागमन भी बंद हो गया है। यही कारण है कि उद्योग बंद होने से अब मजदूर अपने घरों को लौटने लगे हैं। 
-सुभाष गुप्ता, अध्यक्ष, कुंडली औद्योगिक क्षेत्र। 
 


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Isha

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