बेचने के लिए इकट्ठी की गई 400 एकड़ की पराली में शरारती तत्वों ने लगाई आग, किसान हुआ मायूस

punjabkesari.in Saturday, Nov 07, 2020 - 04:55 PM (IST)

जींद (अनिल कुमार): हरियाणा में पराली जलाने का मुद्दा हर साल सुर्खियों में रहता है और दिल्ली तक फैले प्रदूषण के लिए पराली जलाने को जिम्मेदार माना जाता है। लेकिन कुछ किसानों ने पराली न जलाकर जब इसको रोजी रोटी का साधन बनाया तो उनके सामने नया संकट खड़ा हो गया है। हरियाणा के जींद में एक किसान ने करीब 400 एकड़ धान की फसल की पराली जमा की थी, जिसको राजस्थान और दूसरी जगहों बेचा जाना था। बीती रात अचानक रात के समय किसी शरारती तत्व ने उसमें आग लगा दी, जिससे किसान के सपनों पर पानी फिर गया और वायु प्रदूषण भी जिले में फैला।

जुलाना कस्बे के गांव बख्ताखेड़ा के किसान जयवीर ने बताया कि उसने पराली बेचने के लिए इकट्ठा की थी। पराली करीब 400 एकड़ में थी, जिसको बेचा जाना था। रात को किसी अज्ञात व्यक्ति ने पराली में आग लगा दी, जिससे सारी पराली जलकर खाक हो गई। मौके पर चार फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां आग बुझाने के लिए आई लेकिन आग पर काबू नहीं पाया गया। किसान ने कहा कि मेरे सामने रोजी-रोटी का यही एक साधन था जो अब खत्म हो गया है। मेरी सरकार से मांग है कि मुझे आर्थिक रूप से सहायता दे।

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वहीं आग लगने के मामले में कृषि विभाग ने हाथ खड़े कर दिए हैं। कृषि विभाग में क्वालिटी कण्ट्रोल इंस्पेक्टर नरेंद्र पाल ने बताया कि पराली आय का बहुत अच्छा स्त्रोत है। एक एकड़ में 20 क्विंटल पराली निकल जाती है, जिससे 250 रुपए प्रति क्विण्टल बेचा जा सकता है। इस हिसाब से एक एकड़ से कोई भी किसान 5 हजार रुपए तक की पराली बेच सकता है और खर्चा निकाल कर 200 रुपए प्रति एकड़ कमा सकता है। उन्होंने कहा कि पराली में आग लगने के मामले में कृषि विभाग किसी प्रकार की मदद नहीं कर सकता और इस मामले में पीड़ित को पुलिस के पास ही जाना चाहिए।


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Shivam

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