लॉकडाउन में छिन गया काम, अब मां-बेटी ऐसे कमा रहीं दो वक्त की रोटी

punjabkesari.in Sunday, May 09, 2021 - 04:32 PM (IST)

गोहाना (सुनील जिंदल): कोरोना काल ने लोगों की जिंदगियां तो छीन ही ली है, लेकिन जो जिंदा है उनके लिए दो वक्त की रोटी कमाना भी मुश्किल हो गया है। इस मुसीबत भरे दौर में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने हार नहीं मानी और पूरे जज्बे के साथ जिंदगी जी रहे हैं। ऐसा ही जज्बा गोहाना के बरोदा रोड पर रहने वाली मां-बेटी में देखने को मिला, जो लॉकडाउन के दौरान नौकरी छूट जाने के बाद सब्जियां और फल बेच कर अपना जीवन व्यतीत कर रही हैं। 

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रेहड़ी पर फल बेच रही गीता ने बताया कि शादी और अन्य कार्यक्रमों में हलवाई के साथ जाकर दो वक्त की रोटी कमा लेती थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ने पर काम मिलना बंद हो गया। जिसके चलते वह अब घर का खर्च चलाने के लिए रेहड़ी लगाकर फल-सब्जी बेचने का काम कर रही है। इस काम में गीता की मां शकुंतला देवी भी उसकी मदद करती है। दोनों मां-बेटी लॉकडाउन के दौरान शहर में फेरी लगाकर फल और सब्जियां बेच रही हैं। 

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गीता ने बताया कि लॉकडाउन लगने के बाद घर की स्थिति ज्यादा खराब हो गई। जिसके चलते रेहड़ी लगाकर उन्होंने सब्जियां और फल बेचना शुरू कर दिया। वह घर से सुबह 5 बजे रेहड़ी लेकर निकलती है और शाम के 8 बजे घर पर वापस पहुंच जाती है। बता दें कि गीता मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की रहने वाली है और वो करीब 12 वर्ष पहले अपनी मां के साथ गोहाना आई थी, लेकिन घर में कमाने के लिए कोई भी मर्द नहीं है इसीलिए सुबह मां और बेटी रेहड़ी लेकर निकल जाती है और दिनभर फल-सब्जियां बेचकर अपना गुजारा कर रही हैं।
 

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Content Writer

vinod kumar

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