हरियाणा में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 2025 तक ही लागू करना चाहती है प्रदेश सरकार: बृज किशोर

punjabkesari.in Monday, Aug 02, 2021 - 09:29 AM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : केंद्र सरकार द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा करीब 1 वर्ष पूर्व हुई। लेकिन प्रदेश सरकार ने इसकी तैयारियां इससे कहीं पहले शुरू कर दी थी। प्रदेश की सरकार शिक्षा नीति बदलने से होने वाले क्रांतिकारी बदलाव को देखते हुए और प्रदेश के बच्चों को गुलाम बनाने वाली शिक्षा नीति से दूर करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। जहां अब तक कई प्रदेशों ने इसे लेकर शुरुआत भी नहीं की, वहीं हरियाणा प्रदेश की तैयारियां 2025 तक शिक्षा नीति को इंप्लीमेंट करना है।

इस बारे में पंजाब केसरी ने हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष बृज किशोर कुठियाला से बातचीत की। जिसमें उन्होंने बताया कि इस शिक्षा नीति को लेकर देश के विभिन्न शिक्षा विशेषज्ञों से लेकर पंचायती लेवल तक सलाह की गई। यह शिक्षा नीति बहुत ही क्रांतिकारी बदलाव लेकर आने वाली है। इसकी घोषणा से पहले ही पब्लिक डिस्कशन के लिए केंद्रीय मंत्रालय द्वारा ड्राफ्ट रिलीज किया गया था। इस ड्राफ्ट के बेस पर हमने तैयारियां पहले ही प्रारंभ कर दी थी। औपचारिक घोषणा होते ही हमने विभिन्न विभागों को चिन्हित किया कि कौन सा विभाग इसमें काम कर सकता है। प्रदेश के पास पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर पहले से ही मौजूद है। हरियाणा शिक्षा के क्षेत्र में देश के दूसरे राज्यों से कहीं आगे है। कॉलेज-विश्वविद्यालयों में हम प्रति हजार जनसंख्या के आधार पर भी काफी आगे हैं।इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जो लक्ष्य केंद्र ने फाइनल किए हैं, उन्हें हम समय से पहले ही प्राप्त कर सकते हैं और इसी तैयारियों में हम लगे हुए हैं।

बृजकिशोर कुठियाला ने कहा कि इस बारे में पांच विमर्श होने के बाद यह निष्कर्ष निकला कि वास्तव में हम लगभग 60 से 70 फ़ीसदी शिक्षा नीति को 2025 तक इंप्लीमेंट कर लेंगे। इसके लिए हमने धीरे-धीरे काम करना, योजना बनाना प्रारंभ की और कुछ लक्ष्य हम अब तक भी प्राप्त कर भी चुके हैं और कुछ लक्ष्य बहुत जल्द ही पूरे हो जाएंगे। हमने इन लक्ष्यों पर पहुंचने के लिए 2025 समय सीमा निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि इसमें महिला एवं बाल विकास विभाग, एलिमेंट्री स्कूल एजुकेशन, सेकेंडरी स्कूल एजुकेशन, हायर एजुकेशन और टेक्निकल एजुकेशन विभाग इन पांचों विभागों को मिलकर इस नीति को क्रियान्वित करना है।

प्रदेश में एक बहुत बड़ा नेटवर्क आंगनवाड़ी का है। जिसमें 3 से 5 साल तक के बच्चों को मिड-डे मील, सुबह का दूध दिया जाता है। प्रदेश की 1000 आंगनबाड़ियों को धीरे-धीरे हम प्ले स्कूल में बदलने की प्रक्रिया प्रारंभ कर चुके हैं। कुछ प्ले स्कूल मे बदली भी जा चुकी हैं। प्ले स्कूल में बच्चे पढ़ाने से नहीं खेलने से सीखता है। यह मुख्यमंत्री का एक बहुत पसंदीदा प्रोजेक्ट है और इस काम की देखरेख प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग कर रहा है। उन्होंने बताया कि यह शिक्षा नीति मल्टीपल एग्जिट सिस्टम और एकेडमिक क्रेडिट बैंक की सुविधा बच्चों को देने जा रही है और हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद इन पांच विभागों को इकट्ठा करके कोर्डिनेट करेगा। देश के बच्चे लार्ड मैकाले की गुलामी की सोच देने वाली शिक्षा नीति से बाहर निकलकर रोजगार देने वाली नीति की तरफ कदम बढ़ाने जा रहे हैं। जोकि बहुत खुशी की बात है। कुछ समय के बाद ही इस शिक्षा नीति के जब परिणाम नजर आएंगे तो खुशहाल भारत पूरी दुनिया में अपनी बड़ी पहचान के साथ उभरेगा।

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Content Writer

Manisha rana

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