सूट-बूट में सड़कों की मरम्मत करने आए नए गुरुग्राम के निवासी
punjabkesari.in Saturday, Jan 18, 2025 - 04:20 PM (IST)
गुड़गांव, (ब्यूरो): सड़कों में हुए गड्ढे के कारण क्षेत्र की बदहाली पर जब प्रशासन ने कोई सुध नहीं ली तो यह लोग खुद ही सड़कों पर उतर आए और सड़कों के गड्ढे भरने की मुहिम शुरू कर दी। लोगों की माने तो अंधा गूंगा और बहरा हो चुका प्रशासन जनता की समस्या का समाधान करने के लिए नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के लिए काम करता है। समस्याएं तो प्रशासनिक अधिकारियों को दिखती ही नहीं है। भले ही इन समस्याओं के कारण किसी की जान पर क्यों ना बन आए।
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यूनाइटेड एसोसिएशन ऑफ न्यू गुरुग्राम के प्रवीण मलिक की मानें तो सेक्टर 92 /95 डिवाइडिंग रोड पर 2 दिन पहले सड़क में हुई गधों के कारण एक बुजुर्ग गिर गए जिन्हें चोट लगी। इसके अलावा एक गर्भवती महिला भी इन गड्ढों के कारण अस्पताल पहुंच गई। प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार शिकायत के बाद भी जब समस्या का समाधान नहीं हुआ तो स्थानीय लोगों ने समस्या के समाधान के लिए कमान अपने हाथों में ले ली और अस्थाई तौर पर इन गड्ढों को भरने का काम शुरू किया गया। लोगों का गुस्सा भी इस कदर फूटा कि उन्होंने इस बार नगर निगम चुनाव का बहिष्कार तक करने का ऐलान कर दिया।
आरओएफ आनंदा सोसाइटी निवासी विनोद अहलावत, रहेजा नवोदय सोसाइटी आरडब्ल्यूए प्रधान वेद ढाका, निवासी सौम्य शुक्ला, जीएलएस सोसाइटी आरडब्ल्यूए प्रधान कुलदीप मेहता सहित अन्य लोगों की माने तो कई बार अधिकारियों को गुहार लगाने के बाद भी उनके समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। सड़कों के गड्ढों के बारे में अधिकारियों को बताने के बावजूद भी अधिकारी केवल समस्या के समाधान का महीनों से आश्वासन तो दे रहे हैं लेकिन आज तक यह कार्य पूरा नहीं हुआ। बार बार टेंडर अलॉट होने की बात कहकर उन्हें टाल देते हैं। यहां तक कि अस्थाई तौर पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
लोगों की मानें तो सोसाइटियों के चालान करने के लिए तो अधिकारी यहां आ जाते हैं, लेकिन जब सुविधाएं देने की बात हो तो अधिकारी यहां नजर तक नहीं आते। चाहे जीएमडीए हो या नगर निगम के अधिकारी उन्हें जनता की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। लोगों का कहना है कि फिलहाल उन्होंने अस्थाई तौर पर सड़क की मरम्मत तो कर दी है, लेकिन अधिकारियों ने जल्द ही इस समस्या का स्थाई समाधान नहीं किया तो वह नगर निगम चुनाव का बहिष्कार करने जैसा कदम भी उठा सकते हैं। अब देखना यह होगा कि जनता की समस्या के समाधान के लिए प्रशासनिक अधिकारी क्या कदम उठाते हैं।