दिव्यांगता प्रमाण पत्र फर्जीवाड़े में अब कई चेहरे होंगे बेनकाब

punjabkesari.in Friday, Aug 12, 2022 - 11:26 AM (IST)

हिसार : सिविल अस्पताल में 2 महीने पहले दिव्यांगता प्रमाण पत्र के सात आवेदनों में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था। कुछ आवेदनों में डॉक्टरों के साइन फर्जी मिले थे और कुछ में फर्जी मोहर लगी मिली थी। सिविल सर्जन डॉ. रतना भारती ने बुधवार को जांच रिपोर्ट के साथ एक शिकायत एस.पी. लोकेन्द्र सिंह को सौंप दी। अब फर्जीवाड़े से जुड़े लोगों पर धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज होगा। पुलिस केस दर्ज कर फर्जीवाड़ा करने वाले कई लोगों के चेहरों से पर्दा उठा सकती है।

सिविल अस्पताल में 8 जून को दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आवेदनों में गड़बड़ी सामने आई थी। तब सिविल सर्जन डॉ. रतना भारती ने 4 डॉक्टरों की एक टीम गठित कर प्रमाण पत्रों की जांच करने के आदेश दिए थे। इस कमेटी ने प्रमाण पत्रों की जांच की तो 7 आवेदन पत्रों में गड़बड़ी मिली थी। कमेटी ने सिविल सर्जन को अपनी रिपोर्ट सौंपकर गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवाने की सिफारिश की थी। 

जांच रिपोर्ट आने के बाद सातों आवेदकों को रि-मैडीकल के लिए बुलाया गया, लेकिल उनमें से केवल पांच आवेदक रि-मैडीकल करवाने पहुंचे, जबकि 2 गैर हाजिर रहे। जांच कमेटी को आवेदनों में प्रतिशतता, मुहर और डॉक्टरों के साइन से छेड़छाड़ मिली। अग्रोहा मैडीकल कॉलेज के डॉक्टरों ने भी जांच की।

स्वास्थ्य विभाग प्रबंधन ने दिव्यांगता प्रमाण पत्रों पर लगी मुहर व दिव्यांगता प्रतिशतता से छेड़छाड़ करने वालों और डॉक्टरों के फर्जी हस्ताक्षर करने वालों के खिलाफ केस दर्ज करवाने के लिए एस.पी. को अपनी शिकायत सौंप दी है। प्रबंधन ने शिकायत के साथ जांच कमेटी की रिपोर्ट और मैडीकल की रिपोर्ट साथ लफ की है। सिटी थाना पुलिस ने अब फर्जीवाड़े से जुड़े लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी का केस दर्ज करेगी।


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Content Writer

Isha

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