4 लाख से अधिक आय सार्वजनिक करने वाले 15,551 लोगों की वृद्धा पेंशन जल्द हो सकती है बंद

punjabkesari.in Thursday, Oct 28, 2021 - 05:35 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के अंदर 1 नवंबर के बाद विभिन्न पेंशन लेने वाले लोगों को अब अप्लाई नहीं करना पड़ेगा। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से जिन लोगों ने अपना डाटा सबमिट करवाया है, उसके अनुसार वृद्धावस्था पेंशन के तहत 60 साल उम्र होने के बाद किसी भी व्यक्ति की पेंशन खुद-ब-खुद शुरू हो जाएगी। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवार पहचान पत्र के द्वारा लोग अपनी वार्षिक आय सार्वजनिक खुद हस्ताक्षर करते सेल्फ डिक्लरेशन के माध्यम से कर रहे। सूत्रों के मुताबिक जिन परिवारों की सालाना आय चार लाख से अधिक हैं, उनके नाम विभिन्न पेंशन स्किमों के लाभ से काटे जा रहे हैं। अभी तक 15,551 ऐसे लोगों को अब वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिलेगी, जिन्होंने परिवार पहचान पत्र के अंदर अपनी सालाना 14 लाख से अधिक दी है। सूत्र बताते हैं कि सरकार इस पर धीरे-धीरे शिकंजा कसेगी।

सूत्रों के मुताबिक हरियाणा के विभिन्न अधिकारियों ने प्रदेश सरकार को यह सुझाव दिए हैं कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से अपनी सालाना आय घोषित करने वालों को पेंशन के जो लाभ मिल रहे हैं उन पर एकदम से शिकंजा न कसा जाए। अफसरों का मानना है कि दो लाख से ज्यादा आय वाले परिवारों की पेंशन बंद होनी चाहिए तथा उनसे रिकवरी होनी चाहिए। एकाएक पेंशन बंद करने तथा रिकवरी करने से लोगों में आक्रोश फैल जाएगा। जिसका लाभ विपक्ष को भी मिलेगा तथा विपक्ष जनता के इस आक्रोश को कैच करेगा।

आगामी कुछ दिनों में सरकार दो लाख से ज्यादा आय वाले परिवारों से पेंशन बंद करने के अलावा रिकवरी की तरफ चल सकती हैं। सूत्र बताते हैं कि अगर किसी परिवार में कोई पूर्व फौजी है व वृद्धावस्था पेंशन का लाभ उनकी धर्मपत्नी ले रही है तो ऐसी स्थिति में सालाना आय 2 लाख से अधिक होने पर उस परिवार से 6 महीने की वृद्धावस्था पेंशन की रिकवरी की जाएगी तथा भविष्य में यह पेंशन बंद कर दी जाएगी। यह बीच का फार्मूला अवसर पर ब्यूरोक्रेसी ने इसलिए निकाला है ताकि लोगों में आक्रोश में न आए और पहले डेढ़ लाख रुपए की रिकवरी कर कर इस मामले को क्लोज कर दिया जाए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा के अंदर इस वक्त विभिन्न पेंशन लेने वालों की संख्या 28 लाख है। इनमें से आधी संख्या 14 लाख के करीब वृद्धावस्था पेंशन लेने वालों की है। आधार कार्ड के नंबर व सूचनाएं मैच ना होने पर लगभग ढाई लाख लोगों की वृद्धावस्था व अन्य परिजनों पर वैसे ही लगाम लग सकती है। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से कई चीजों का लाभ व खुलासा अब धीरे-धीरे होने लगा है। हरियाणा के अंदर अभी तक लगभग 200000 परिवार ऐसे हैं जिन्होंने अपने परिवार पहचान पत्र अपग्रेड नहीं किए हैं। 

आने वाले दिनों में परिवार पहचान पत्र को और लोग भी अपना सकते हैं। भले ही हरियाण के अंदर परिवार पहचान पत्र मंडेट्री ना हो, मगर इसका लाभ विभिन्न सरकारी योजनाओं में मिलने के कारण लोग अब इस पर आश्रित होते जा रहे हैं। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से मिली जानकारियों के अनुसार सूत्र बताते हैं कि डेढ़ लाख लोग ऐसे हैं, जिनके हस्ताक्षर वृद्धावस्था पेंशन में मेल नहीं खाते। आने वाले दिनों में सरकार यह योजना भी बना सकती है।

सूत्रों का कहना है कि परिवार पहचान पत्र में मां-बाप व बच्चों सभी की संयुक्त रूप से आय प्रतिवर्ष की अंकित हुई हुई है। आने वाले दिनों में हरियाणा सरकार व प्रशासनिक अधिकारी इस पर भी मंथन कर सकते हैं कि जो बुजुर्ग मां-बाप है तथा 60 साल से अधिक आयु के हैं उनकी आय बच्चों की आय से अलग मानी जाए, क्योंकि सरकार के द्वारा जो लाभ व पेंशन बुजुर्गों को मिलती है उस का पैमाना अलग रहे। 

हरियाणा का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जो पिछले डेढ़ वर्ष से एचआईवी पॉजिटिव तथा कैंसर के मरीजों के लिए पेंशन योजना शुरू करने के लिए प्रयासरत है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी चाहते हैं कि एचआईवी पॉजिटिव तथा कैंसर मरीजों को पेंशन मिले। एचआईवी पॉजिटिव फॉर कैंसर मरीजों का सारा ब्यौरा, क्योंकि हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के पास है। इसलिए आने वाले दिनों में ऐसी भी संभावना है कि एचआईवी पॉजिटिव फॉर कैंसर मरीजों को पेंशन देने का क्रम स्वास्थ्य विभाग के अधीन चला जाए। एचआईवी पॉजिटिव व कैंसर मरीजों के अलावा हरियाणा सरकार दो अन्य बीमारियां जो जानलेवा साबित हो सकती हैं, उन पर भी पेंशन देने की योजना बना रही है। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के पास एचआईवी पॉजिटिव व कैंसर मरीजों का पूरा डाटा उपलब्ध है, इसलिए हरियाणा सरकार इस पर मंथन कर रही है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की बजाए यह पेंशन योजना स्वास्थ्य विभाग ही संचालित करें। फिलहाल अंतिम मोहर इस पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लगानी है।

इस बारे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओम प्रकाश यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार के द्वारा सभी मुद्दों पर विशेष सर्वे चल रहे हैं। परिवार पहचान पत्र मुख्यमंत्री मनोहर लाल की महत्वाकांक्षी वह दूरगामी योजना है, इसके सार्थक परिणाम आ रहे हैं। वृद्धावस्था पेंशन या अन्य पेंशन में परिवार पहचान पत्र काफी कारगर साबित हो रहा है। एचआईवी पॉजिटिव व कैंसर मरीजों का सारा रिकॉर्ड हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के पास है, इसलिए इन योजनाओं को स्वास्थ्य विभाग चलाएं इस पर मंथन हो रहा है।  

 

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Content Writer

vinod kumar

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