जनता को सूक्ष्म सिंचाई पायलट परियोजना का तोहफा, कृषि मंत्री ने किया शुभारंभ

punjabkesari.in Sunday, Dec 24, 2017 - 01:23 PM (IST)

झज्जर(प्रवीण धनखड़): प्रदेश के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने क्षेत्र के गांवों सुबाना और अमादलपुर में हर खेत को पानी योजना के तहत सूक्ष्म सिंचाई पायलट परियोजना का शुभारंभ किया। नहरी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की ओर से शुरू की इन सिंचाई पालयट  परियोजनाओं पर कुल 338 लाख रुपए की धनराशि खर्च हुई है। सौर उर्जा पर आधारित पर आधारित ड्रिप (टपका) सिंचाई प्रणाली से लगभग 254 हैक्टेयर भूमि सिंचित हो सकेगी। सुबाना में 97 हैक्टेयर और अमादलपुर में 157 हैक्टेयर कृषि भूमि पर इजरायल की तर्ज पर सिंचाई होगी। भूमि कृषि मंत्री ने अमादलपुर के खेतों में इस परियोजना का शुभारंभ किया तो फव्वारा चलता देख मौके पर उपस्थित किसानों ने एकाएक कहा कि यह तो किसानों के लिए वरदान साबित होगी। 
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इजरायल की तर्ज पर मिली किसानों को सिंचाई की सुविधा 
धनखड़ ने योजना के शुभारंभ अवसर पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह जल क्रांति है। सिंचाई के क्षेत्र में हरियाणा का मानचित्र बदलने की कथा है। किसानों को खादानों से बागवानी की तरफ बढ़ावा देने का द्वार खुला है। प्रदेश में सिंचाई के पानी के घाटे को सरप्लस में बदलने की योजना है। बिजली, पानी और अनुदान के बचत करने की योजना है। हरियाणा में सिंचाई के पानी की बहुत कमी है। इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने हर खेत को पानी देने का संकल्प लिया। धनखड़ ने कहा कि इजरायल दुनिया ऐसा देश है जहां पानी की बहुत कमी है और टपका सिंचाई से उन्होंने इस कमी को दूर किया है। हमने भी इजरायल की सिंचाई योजनाओं का अध्ययन कर यह सपना देखा कि हम भी उनकी तर्ज पर अपने किसानों को सिंचाई की सुविधा मुहैया करवाएंगे। करीब अढ़ाई साल पहले इस योजना को अमलीजामा पहनाने पर कार्य शुरू हुआ और कुछ दिनों पहले पेहवा में इस योजना का शुभारंभ हुआ। 
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सुक्ष्म सिंचाई सस्ती, सुलभ स्वच्छ योजना
कृषि मंत्री ने कहा कि योजना के दायरे में आए किसानों को अब बिजली का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नहर का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, रात को सिंचाई का झंझट खत्म, मंहगे डीजल पंपों से छुटकारा मिलेगा। सुबाना गांव में 28 किलोवाट सौलर पैनल से लगभग 97 हैक्टेयर तथा अमादलपुर में 55 किलोवाट सोलर उर्जा से लगभग 157 हैक्टेयर भूमि पर किसान अपनी मर्जी के हिसाब से सिंचाई कर सकते हैं। इसके लिए एक तालाब बनाया गया है जिसमें नहरी पानी एकत्रित होगा। सौलर उर्जा पर आधारित पंप सेटों के माध्यम से खेतों में टपका प्रणाली से सिंचित किया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि खेती की जरूरत की अनुसार खेतों में सप्लाई होने वाले पानी में खाद भी मिलाकर सिंचाई की जा सकती है। किसान को अपनी फसल में अलग से खाद डालने की भी जरूरत नहीं होगी। इस प्रणाली का अध्ययन करने पर पता चला है कि फसल उत्पादन भी लगभग 12 प्रतिशत तक बढ़ा है।


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