जहरीली हुई रोहतक की हवा, पीजीआई में सांस व आंखों के मरीजों की संख्या बढ़ी

punjabkesari.in Saturday, Nov 16, 2019 - 01:08 AM (IST)

रोहतक (दीपक भारद्वाज): दिल्ली एनसीआर में लगातार बढ़ते प्रदूषण का पैमाना अब रोहतक में भी देखा जा सकता है। पिछले दो दिनों से हवा में प्रदूषण की मात्रा एक बार फिर से बढऩे लगी है। रोहतक में ये आंकड़ा 500 के पार पहुच चुका है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्रसाशन ने स्कूलों में दो दिन की छुट्टियां भी घोषित कर दी थी। पीजीआई के डॉक्टरों ने बताया कि रोजाना नए अस्थमा व सांस संबंधी मरीज सामने आ रहे हैं।

कुछ दिन राहत के बाद जिले में एक बार फिर से हवा में प्रदूषण की मात्रा खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। पिछले 2 दिन से हवा में प्रदूषण की मात्रा 500 के पार पहुंच गई है जो खतनाक स्तर माना जाता है। बढ़ते प्रदूषण ने केवल शहर में ही नहीं बल्कि गांव की खुली हवा को भी अपनी चपेट में ले लिया है। रोहतक जिले में हवा में प्रदूषण की मात्रा रात को 500 तो दिन का स्तर 400 के आंकड़े को पार कर चुका है।

बुजुर्ग, बच्चों व कामकाजी वर्ग को हो रही दिक्कत
खतरनाक स्तर तक पहुंचे प्रदूषण के कारण प्रशासन को स्कूलों में 2 दिन की छुट्टी करनी पड़ी। जिससे हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं, दूसरी ओर बुजुर्गों ओर बच्चों का सांस लेना दूभर हो चुका है। बुजुर्गों का कहना है कि प्रदूषण के कारण आंखों में जलन व सांस लेने में तकलीफ हो रही है खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को।

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वहीं कामकाज पर जाने वाले अरुण का कहना है कि दीवाली के बाद प्रदूषण बढ़ा था, लेकिन बीच मे एक्यूआई सामान्य हो गया था, पर पिछले दो दिनों से हवा में प्रदूषण की मात्रा फिर से बढ़ गई है जो खतनाक लेवल तक पहुँच गया है।

पीजीआई रोहतक में बढऩे लगी मरीजो की संख्या
रोहतक पीजीआई के सीनियर डॉक्टर ध्रुव चौधरी ने बताया कि वायु प्रदूषण से पीजीआई में पिछले दिनों से मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और हार्ट में दिक्कत व अधरंग जैसी बीमारियों को बढ़ाने में सहायक हो रही हैं। 

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डॉक्टर ने दी है ये सलाह 
डॉक्टर ने सलाह देते हुए बताया कि ज्यादा कठिन व्यायाम ना करें, उससे जोर से सांस लेना पड़ता, जिसके चलते दूषित हवा शरीर में प्रवेश करती है। 
घर के बाहर जाने से पहले तीन लेयर का मास्क इस्तेमाल करें। 
पीने का पानी ज्यादा ले इससे जहरीले कण रक्त में घुल जाएंगे। 
दूसरी ओर एक दूसरे को दोष देने के बजाय लोगों को जागरूक करना जरूरी है। जिससे आने वाली पीढिय़ों को स्वच्छ वातावरण दे सकें।


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Shivam

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