सोशल बायकॉट मामला: राष्ट्रपति से मिलने जा रहे दलित समाज के लोगों पुलिस ने किया गिरफ्तार

punjabkesari.in Thursday, Nov 18, 2021 - 10:05 AM (IST)

जींद(अनिल): राष्ट्रपति से मिलने गए गांव छात्तर, खापड़ व खरकगादिया गांव के अनुसूचित जाति के लोगों ने पुलिस पर उन्हें रास्ते में रोकने का आरोप लगाया है।दिनेश खापड़ के नेतृत्व में अनुसूचित जाति के लोग राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने भिवानी जिले के सुई गांव में जा रहे थे। पुलिस ने गांव बास के पुलिस नाकेखापड़ ने कहा कि वहां पर एक गाड़ी में भिवानी पुलिस पहुंची जिसमें ड्राइवर समेत 11 पुलिसकर्मी थे। इसमें चार कमांडो भी थे। 

भिवानी की तरफ ले गए पुलिस वाले
पुलिसकर्मियों ने अनुसूचित जाति के लोगों को उस गाड़ी में बैठाया और भिवानी की तरफ लेकर चल दिए। उसके बाद गाड़ी को कई घंटों तक अलग-अलग जगह पर घुमाते रहे। उन्होंने कहा कि यह सब सरकार के इशारे पर किया गया है ताकि वह राष्ट्रपति से मिलकर प्रदेश में अनुसूचित जाति के लोगों के साथ हो रहे अत्याचार के बारे में उन्हें अवगत नहीं करा सकें।

कोरोना टेस्ट भी करवा चुके थे लोग 
उन्होंने कहा कि गांव सूई से हमें सूचना मिली थी कि जिस किसी को भी राष्ट्रपति से मिलना है, उनको कोरोना टेस्ट करवाना पड़ेगा। इसलिए 16 नवंबर को ही उन्होंने कोरोना टेस्ट करवा लिया था जिसकी रिपोर्ट भी उनके पास ही थी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पुलिस ने उन्हें राष्ट्रपति से मिलने से रोका है इससे साफ पता चलता है कि प्रदेश में अनुसूचित जाति के लोगों को न्याय मिलना मुश्किल है। 
उन्होंने बताया कि गांव खरकगादिया में एक पीड़ित परिवार ने अत्याचार करने वाले आरोपियों के खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज करवा रखें हैं। 

पुलिस ने नहीं की कोई गिरफ्तारी
मुकदमे दर्ज हुए कई महीने बीत चुके हैं लेकिन जींद पुलिस ने अभी तक दो मुकदमों में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की है। इसी तरह गांव खापड़ व छात्तर में सामाजिक बहिष्कार करने वाले सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमे तो दर्ज हो चुके हैं लेकिन अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसलिए राष्ट्रपति से न्याय की गुहार लगाने गांव सुई में जा रहे थे। लेकिन उन्हें रास्ते ही गिरफ्तार कर लिया गया। खापड़ ने कहा कि उसके साथ सुशील, नरेश, अक्षय व सतीश को गिरफ्तार कर लगभग छह घंटे तक हिरासत में रखा है जो सरासर गलत है।

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Content Writer

Isha

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