प्रदेश के नागरिक पुलिस संबंधित शिकायतें स्टेट पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी को करें : नवराज संधू
punjabkesari.in Saturday, Jan 15, 2022 - 12:08 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : प्रदेश में पुलिस के अधिकारियों-कर्मचारियों से इंसाफ ना मिल पाने या पुलिस द्वारा किसी तरीके से शोषण किए जाने के मामले में अब संबंधित व्यक्ति स्टेट पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी से अपनी शिकायत कर सकता है। आमतौर पर सीएम विंडो या अन्य माध्यमों से पहुंचने वाली शिकायतों में पुलिस से असंतुष्ट लोगों की शिकायतें पुलिस के खिलाफ सरकार या उच्च अधिकारियों पहुंचती हैं। अब आमजन ऐसे मसलों की शिकायतें पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी के पास करके संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करवा सकता है।
इस बारे स्टेट पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी की चेयरपर्सन नवराज संधू ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस व्यक्ति को किसी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी से न्याय नहीं मिल रहा, वह अथॉरिटी के पास आकर सीधे तौर पर या ई-मेल द्वारा अपनी शिकायत और एक एफिडेविट भेजकर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। इस बारे उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 2019-2020 साल के करीब 199 पेंडिंग मामलों में से केवल 13 ही मामले फिलहाल प्रोसेस में है, बाकि सभी मामलों को निपटा दिया गया है। साल 2020-21 के भी 105 मामलों को निपटा दिया गया है। हमारे पास लगभग सभी सीरियस मसलों पर जैसे हत्या, बलात्कार या धमकी इत्यादि जैसे गंभीर मामलों की शिकायतें भेजी जाती हैं। ऐसी शिकायतें जिसमें किसी अधिकारी द्वारा बात ना सुनी गई हो या पुलिस द्वारा ही किसी के साथ ज्यादती हुई हो, पुलिस द्वारा किसी के साथ टॉर्चर किया गया हो, ऐसी शिकायतें हमारे पास भेजी जाती हैं।
संधू ने बताया कि अथॉरिटी कंप्लेंट के आते ही संबंधित मामले पर ना केवल जांच करता है, शिकायतकर्ता की बात सुनने शिकायत के एग्जामिन करने तथा एसपी से रिपोर्ट लेने के बाद संबंधित जांच अधिकारी, थाना प्रभारी या उप पुलिस अधीक्षक इत्यादि को मौके पर बुलाते हैं और उनका पिछला रिकॉर्ड भी चेक करते हैं, कोर्ट की तरह ही हमारे यहां सब हियरिंग किया जाता है। सारे एविडेंस देखकर दोनों पक्षों को आमने-सामने बिठाकर हियरिंग करवाई जाती है। दोनों को कहने-सुनने और डिफेंड करने का पूरा मौका दिया जाता है और उसके बाद हम अपना निर्णय सरकार को रिकमेंड करते हैं। सरकार अपने लेवल पर अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करती है। एक्शन लेने का पूर्ण अधिकार प्रदेश सरकार का ही रहता है। हालांकि हमारे पास सिविल प्रोसीजर कोर्ट की भी शक्तियां प्राप्त हैं। हम उसी तरह हियरिंग भी करते हैं। लेकिन इस प्रकार की कोई जरूरत सामने नहीं आती। इसलिए हम अपने रिकमेंडेशन सरकार को जरूरत के अनुसार भेज देते हैं।
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