दुष्यंत और दिग्विजय दोनों भाइयों की सियासी जुगलबंदी ने राजस्थान में JJP को किया मजबूत
punjabkesari.in Saturday, Oct 21, 2023 - 09:16 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा में इनेलो से अलग होकर पहले ही झटके में 10 सीटें झटक लेने वाले जेजेपी नेता और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अब राजस्थान का रुख कर चुके हैं। यहां का पगफेरा करने के साथ ही मरुधरा में जेजेपी के प्रति जलवा उन्होंने पैदा कर दिया है।
दुष्यंत और दिग्विजय दोनों भाइयों की सियासी जुगलबंदी ने राजस्थान की माटी से जेजेपी के पुष्प सुवासित करने का प्रण भर लिया है। दोनों युवा नेताओं को बूढ़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद और युवाओं का जो स्नेह मिल रहा है, उसे देखते हुए उनके भविष्य की कल्पना को पंख लग रहे हैं। वैसे भी उनके पिता और जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला की राजस्थान में पहले से की गई मेहनत इस जलवे में और रंग भर रही है। अजय सिंह चौटाला राजस्थान के नोहर और दाता रामगढ़ विधानसभा क्षेत्रों से विधायक रह चुके हैं तो चौ. देवीलाल भी यहां की राजनीति के लिए पुराने खिलाड़ी रहे थे।
जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने राजस्थान के भरतपुर में आयोजित रैली में कहा था कि जेजेपी प्रदेश में महिला सुरक्षा, हरियाणा की तरह रोजगार लाना, पेपर लीक, माइनिंग माफिया व गैंगवॉर जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा की तर्ज पर फसल मुआवजा व बुढ़ापा पेंशन योजना को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता रहेगी।
राजस्थान में चुनाव प्रचार की धमाकेदार शुरुआत
जेजेपी ने राजस्थान में चुनाव प्रचार की शुरुआत भरतपुर से की। इससे पहले डॉ. मोहन सिंह ने कहा था कि पार्टी का मुख्य फोकस भरतपुर विधानसभा पर है। भरतपुर जाट बाहुल्य सीट है, इसीलिए जेजेपी के पदाधिकारी भी इसी सीट पर चुनाव लडऩा चाहते हैं। साल 2003 में भी भरतपुर विधानसभा सीट से विधायक इनेलो पार्टी से रह चुका है। जेजेपी भी इनेलो से अलग हुआ वह प्रोडक्ट है जिसकी कमान दो युवा नेताओं के हाथों में है। जेजेपी राजस्थान की 25 से 30 सीटों पर फोकस कर रही है।
आपको याद होगा जब इनेलो की छात्र विंग इनसो को दिग्विजय ने इनेलो से अलग होने के बावजूद अपने हाथ से जाने नहीं दिया और संगठन की विशेष समझ रखने वाले दुष्यंत चौटाला ने इनेलो के बहुत से कार्यकर्ताओं को भी अपने साथ जोडऩे का दम दिखाया। इतना ही नहीं मदर पार्टी से इतर पहली बार में ही 10 सीटें जीतकर एक कुशल राजनीतिज्ञ होने का अहसास भी प्रदेश की जनता को करवा दिया। हरियाणा के बुजुर्ग इस नेता को देखकर प्रसन्न होतेे हैं क्योंकि उनके अंदर उन्हें चौ. देवीलाल की झलक दिखाई देती है।