बालोर निवासी प्रतीक शर्मा बने लेफ्टिनेंट, थल सेना के एविशन कोर में देगें अपनी सेवाएं
punjabkesari.in Sunday, Jun 11, 2023 - 12:40 PM (IST)

बहादुरगढ़ (प्रवीण कुमार धनखड़) : गांव बालोर निवासी प्रतीक शर्मा ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट का कमीशन प्राप्त कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। देहरादून स्थित आईएमए में हुई पासिंग आउट परेड के बाद घर पहुंचने लेफ्टिनेंट प्रतीक का शहर वासियों ने जोरदार स्वागत किया। वहीं प्रतीक की इस सफलता से गदगद उनके माता-पिता के साथ दादा-दादी और नानी ने भी अपने लाडले का फूल माला पहनाकर स्वागत किया। प्रतीक भारतीय थल सेना की एविएशन कोर में बतौर लेफ्टिनेंट अपनी सेवाएं देगें।
बालौर गांव में भी प्रतीक के लेफ्टिनेंट बनने पर खुशी का माहौल है। प्रतीक के दादा भी भारतीय सेना से हवलदार के पद पर रिटायर हुए थे। पिता ओमप्रकाश मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस में कार्यरत हैं। प्रतीक की माता पूजा शिक्षा विभाग में लेक्चरर हैं। दादा और पिता से प्रेरणा लेकर ही प्रतीक ने थल सेना की राह चुनी है। प्रतीक की बुआ की बेटी भाविका भी 2019 में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर नियुक्त हुई थी।
प्रतीक का कहना है कि अगर युवा मन लगाकर मेहनत करें तो उन्हें अवश्य ही सफलता मिलेगी। उन्होंने अपनी 10वीं व 12वीं की पढ़ाई शहर के सेंचुरी पब्लिक स्कूल से पूरी की थी। उनका 10वीं में 10 सीजीपीए और 12वीं में 95% अंक आए थे। प्रतीक ने JEEE के एग्जाम में भी 99 परसेंटाइल हासिल किए था। लेकिन इसी बीच उसका चयन एनडीए में हो गया। प्रतीक ने अपने पहले ही प्रयास में एनडीए की परीक्षा में सफलता हासिल की थी। कड़ी मेहनत के बल पर उसने आईएमए देहरादून से ट्रेनिंग पूरी की है। अब प्रतीक भारतीय थल सेना की एवियेशन कोर में बतौर लेफ्टिनेंट अपनी सेवाएं देगें। प्रतीक ने युवाओं को सफलता का मंत्र भी दिया है। उनका कहना है कि युवा अगर मन लगाकर मेहनत करेंगे तो उन्हें अवश्य को सफलता मिलेगी।
वहीं प्रतीक के माता पिता को भी अपने बेटे पर गर्व है। पिता ओमप्रकाश प्रतीक की इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं, तो उनकी माता पूजा ने भी अपने बेटे की उपलब्धि पर भावुक हो उठी। माता का कहना है कि उन्होंने अपने बेटे प्रतीक को देश की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है। उन्हें अपने बेटे पर नाज है। लेफ्टिनेंट प्रतीक शर्मा बहादुरगढ़ के बालौर गांव से सेना में पहले डायरेक्ट लेफ्टिनेंट कमीशन्ड ऑफिसर हैं। प्रतीक युवाओं के लिए प्रेरणा है। उम्मीद है कि प्रतीक से प्रेरणा लेकर क्षेत्र के अन्य युवा भी देश सेवा के लिए आगे आएंगे।
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