रेलवे विभाग ने लंबित पड़े सूरजपुर- सुखोमाजरी बाईपास पर रेलवे अंडरपास निर्माण को दी मंजूरी
punjabkesari.in Thursday, Sep 14, 2023 - 09:20 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : शिवालिक विकास मंच प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व चेयरमैन हरियाणा सरकार विजय बंसल एडवोकेट द्वारा अपने वकील सजल बंसल के माध्यम से केंद्रीय रेल मंत्रालय और रेलवे अधिकारियों को गत 13 अप्रैल 2022 को भेजे कानूनी नोटिस पर कार्यवाही करते हुए रेलवे विभाग ने लंबित पड़े सूरजपुर-सुखोमाजरी बाईपास निर्माण कार्य में रेलवे अंडरपास निर्माण कार्य को मंजूरी प्रदान कर दी है।
यह जानकारी देते हुए विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि नॉर्दर्न रेलवे असिस्टेंट डिविजनल इंजीनियर ने 25 अगस्त 2023 को एक्सईएन पीडब्ल्यूडी बी एंड आर ब्रांच पंचकूला को पत्र लिखकर आरयूबी स्पेन के लिए फिट होने वाले शेष आरसीसी बक्सों का निर्माण करने और सुरक्षा व्यवस्था सहित शेष अन्य काम पूरा कर लेने के बाद बॉक्स फिट करने के लिए फिर से आवेदन करने के निर्देश दिए हैं। अंडरपास निर्माण के लिए रेलवे के सक्षम प्राधिकारी द्वारा गत 30 जून 2023 को ही अपनी मंजूरी दे दी गई थी।
विजय बंसल एडवोकेट ने बताया कि पिंजौर शहर में भारी ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा 1 मई 2016 को सूरजपुर पिंजौर-सुखोमाजरी बाईपास परियोजना की आधारशिला रखी थी इस परियोजना में लगभग 84.91 करोड रुपए की लागत का अनुमान था। इस परियोजना में 8 छोटे पुल, एक रेलवे अंडरपास, 3 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड का निर्माण किया गया है, इसका निर्माण कार्य मेसर्ज सिंगला कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को सोपा गया था इस परियोजना को 2 साल के भीतर यानी 11 दिसंबर 2019 तक पूरा किया जाना था लेकिन सरकार और अधिकारियों की लापरवाही एवं कमजोर नेतृत्व के कारण परियोजना में लगभग 4 वर्ष की देरी हुई है जिस कारण परियोजना के पूरे होने पर निर्माण कार्य की लागत भी कई करोड़ रुपए तक बढ़ने की उम्मीद है जो इस देश के करदाताओं के पैसे की प्रत्यक्ष रूप से बर्बादी है। सरकार सहित पीडब्ल्यूडी बी एंड आर और रेलवे विभाग के अधिकारियों के लापरवाह रवैया के कारण जनहित में रेलवे अंडरपास निर्माण के आदेश पारित न करने के कारण अनावश्यक देरी हुई है।
बता दें कि विजय बंसल एडवोकेट द्वारा भेजे गए कानूनी नोटिस में रेलवे विभाग से कालका रेलवे स्टेशन की ओर आने वाली ट्रेनों को एक सप्ताह तक यानी 168 घंटे के लिए ट्रेने बंद करने के आदेश देने या इन ट्रेनों के रूट को चंडीमंदिर रेलवे स्टेशन पर स्थानांतरित करने के आदेश पारित करने की मांग की गई थी। इससे पूर्व विजय बंसल एडवोकेट ने मंडल रेलवे प्रबंधक अंबाला कैंट को 26 अक्टूबर 2021 को पत्र भेज कर कालका रेलवे स्टेशन की ओर आने वाले ट्रेनों को रोकने के आदेश देने की मांग की थी लेकिन संबंधित अधिकारियों ने उस पर कोई कार्यवाही नहीं की थी इसलिए मजबूरन कानूनी नोटिस भेजना पड़ा था।
विजय बंसल ने बताया कि बाईपास का निर्माण कार्य लगभग 90 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है केवल रेलवे विभाग अधिकारियों द्वारा अंडरपास निर्माण कार्य की मंजूरी न देने के कारण पूरी परियोजना अधर में लटकी हुई है। उन्होंने बताया कि बाईपास निर्माण के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2007 में गांव रामपुर सियुडी, रजीपुर, सूरजपुर, मानकपुर नानक चंद, मानकपुर ठाकुरदास, लोहगढ़ और धमाला की जमीनों को तत्काल प्रभाव से अधिग्रहण किया गया था। इस भूमि को एनएचएआई द्वारा यादवेंद्र गार्डन और एचएमटी के पास से पंचकूला- शिमला हाईवे को पिंजौर- नालागढ़ बद्दी हाईवे से जोड़ने के लिए अधिग्रहित किया गया था ताकि पिंजौर शहर को ट्रैफिक जाम से निजात मिल सके। क्योंकि बद्दी- बरोटीवाला हिमाचल प्रदेश एक बड़ा औद्योगिक केंद्र है जहां पर 3500 से अधिक उद्योग है प्रतिदिन हजारों लोग हजारों छोटे बड़े वाहनो से अपने रोजगार के लिए बद्दी आते-जाते हैं। इसलिए इस भारी ट्रैफिक को सूरजपुर- सुखोमाजरी बाईपास पर स्थानांतरित करने और ट्रैफिक जाम से प्रतिदिन होने वाली उन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह परियोजना बनाई गई थी जिन दुर्घटनाओं में कई लोग अपनी जान गवा चुके हैं और दुर्घटनाओं का सिलसिला अभी भी थमा नहीं है बावजूद इसके यह परियोजना अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। बाईपास का निर्माण न होने से अब तक लगभग सैकड़ो कीमती जाने जा चुकी है और लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
विजय बंसल एडवोकेट द्वारा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका के बाद केंद्र सरकार द्वारा परियोजना को मंजूरी दी गई थी। क्योंकि पिंजौर, कालका, पंचकूला जिले के आसपास के इलाकों में रहने वाले हजारों निवासी और पंजाब, हिमाचल दो राज्यों सहित केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ का सीमावर्ती जिला होने के कारण यहां के लोगों को भारी ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसी ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिए हरियाणा राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष सूरजपुर- सुखोमाजरी फोरलेन बाईपास निर्माण का प्रस्ताव भेजा था।