Haryana: बारिश ने दशहरे के रंग में भंग, रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले हुए गीले, दहन में समस्या

punjabkesari.in Friday, Oct 03, 2025 - 11:10 AM (IST)

डेस्कः इस वर्ष दशहरा के अवसर पर रावण के पुतले के दहन में मौसम ने कई स्थानों पर बाधा उत्पन्न की। प्रदेश के सात जिलों में हुई वर्षा से रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले भीग गए, जिसके कारण कई स्थानों पर पुतलों का दहन नहीं हो सका, तो कई जगह पुतले टूटने और गिरने से समस्या उत्पन्न हुई। हालांकि, इससे कोई बड़ी घटना नहीं घटी। बाद में पुतलों को उसी स्थिति में जलाना पड़ा जिस स्थिति में वे पड़े हुए थे।

बताया गया कि पुतला दहन से पूर्व खराब हुआ रिमोट कंट्रोल मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 181 फीट ऊंचे रावण के दहन का प्रयास किया, लेकिन रिमोट कंट्रोल खराब होने के कारण यह संभव नहीं हो सका। जिस कारीगर ने पुतला बनाया था, उसी ने अंततः पुतले को आग लगाई।

दोपहर बाद पानीपत, सोनीपत, यमुनानगर और झज्जर में हुई वर्षा ने कार्यक्रम में खलल डाल दिया। वहीं, अंबाला कैंट के रामबाग ग्राउंड में भी बारिश ने माहौल बिगाड़ दिया। यहां रावण का पुतला आधा ही जल पाया और अंत में उसे गिराकर दहन करना पड़ा। इस दौरान जब पुतलों के पास आतिशबाजी हुई, तो चिंगारियां दर्शकों की तरफ उड़ने लगीं। लोग घबरा कर इधर-उधर भागे और कुछ समय के लिए अफरातफरी का माहौल बन गया। सुरक्षा कारणों से रामलीला का मंचन रद्द करना पड़ा।

पानीपत में रावण का पुतला हवा के झोंके को झेल नहीं सका, मुंह के बल गिरने से पुतले की गर्दन टूट गई। वहीं सेक्टर-13-17 में भी कुंभकर्ण का पुतला गिरने से क्षतिग्रस्त हो गया। उधर, करनाल में दशहरे से पहले ही बारिश के कारण मेघनाद का पुतला गिर गया। हादसे में पास खड़ी एक महिला इसकी चपेट में आ गई और घायल हो गई। उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। घटना के बाद आयोजन स्थल पर थोड़ी देर के लिए हड़कंप मच गया, लेकिन बाद में बाकी कार्यक्रम पूरे किए गए।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Deepak Kumar

Related News

static