Dera Sacha Sauda: कल रोहतक जेल से बाहर आएंगे राम रहीम, जानें कितने दिनों की मिली पेरोल
punjabkesari.in Monday, Aug 12, 2024 - 11:03 PM (IST)
हरियाणा डेस्क: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के अनुयायियों के लिए राहत भरी खबर है। रोहतक की सुनारिया जेल में बंद राम रहीम कल बेल पर बाहर आएंगे। गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की पेरोल मिली है। बता दें कि दो साध्वियों की हत्या के जुर्म में सजा मिलने के बाद साल 2017 से राम रहीम रोहतक जेल में बंद है। ऐसा कहा जा रहा है कि अब वे उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित आश्रम में रहेंगे।
गुरमीत राम रहीम को बड़ी राहत देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा दायर याचिका का निपटारा कर दिया है, जिसमें डेरा प्रमुख को पैरोल या फरलो पर रिहा न करने के निर्देश देने की मांग की गई थी। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार ऐसे मुद्दों पर निर्णय लेने में सक्षम है। दिलचस्प बात यह है कि हरियाणा सरकार पहले ही हाई कोर्ट को बता चुकी है कि डेरा प्रमुख वैधानिक परविधान के अनुसार पेरोल और फरलो के हकदार हैं।
हाई कोर्ट से 21 दिन की फरलो देने की मांग की थी डेरा प्रमुख ने
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल खेत्रपाल की खंडपीठ ने एसजीपीसी की डेरा प्रमुख को बार बार फरलो व पैरोल देने के खिलाफ याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि एसजीपीसी ने यह याचिका पिछले साल जनवरी में जब डेरा प्रमुख को पचास दिन की पैरोल दी थी उसके खिलाफ दायर की थी वह पैरोल खत्म हो चुकी है। हाई कोर्ट ने कहा सरकार नियमों के अनुसार ही डेरा प्रमुख की फरलो व पैरोल पर निर्णय ले। इसी मामले में डेरा प्रमुख ने हाई कोर्ट से 21 दिन की फरलो देने के निर्देश देने की मांग की थी, ताकि वह इस अवधि के दौरान जेल से बाहर रहकर कल्याणकारी गतिविधियां कर सकें।
एसजीपीसी द्वारा दायर याचिका के मद्देनजर हाई कोर्ट में पहुंचा था मामला
डेरा प्रमुख ने कहा है कि फरलो के लिए अधिकारियों को आवेदन दिया जा चुका है, लेकिन हाई कोर्ट के 29 फरवरी के स्थगन आदेश के कारण इस याचिका पर विचार नहीं किया गया है। यह मामला शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा दायर याचिका के मद्देनजर हाई कोर्ट में पहुंचा था। याचिका में डेरा प्रमुख को दुष्कर्म और हत्या के मामलों में दोषी होने के बावजूद हरियाणा सरकार द्वारा बार-बार पैरोल या फरलो पर रिहा करने पर आपत्ति जताई गई थी।
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