कल से कई रूटों पर नहीं जाएंगी रोडवेज बसें, ड्राइवर-कंडक्टर के लिए अगले 5 दिन इम्तिहान जैसे

punjabkesari.in Sunday, Oct 06, 2019 - 12:37 PM (IST)

जींद (राठी): बसों में सफर करने वाले लोगों के लिए 7 अक्तूबर से अगले 5 दिन परेशानी भरे होंगे। उन लोगों को ध्यान देने की जरूरत है। अगले दिनों में उनको बहुत ही कम बसें रूटों पर दौड़ती नजर आएंगी। क्योंकि 7 से 12 अक्तूबर तक रोडवेज के 50 ड्राइवर और 50 कंडक्टर ट्रेनिंग में हिस्सा लेंगे। ये ड्राइवर-कंडक्टर यात्रियों से कैसे बात करें, बच्चों तथा महिलाओं के साथ कैसे व्यवहार करें।

इन जैसी बातों को लेकर 5 दिन ट्रेनिंग में व्यस्त रहेंगे। इसके लिए रोडवेज महाप्रबंधक ने सभी ड्राइवर और कंडक्टरों को आदेश दिए हैं कि वे इस ट्रेनिंग में हिस्सा अवश्य लें, यदि ट्रेनिंग कैंप में नहीं पहुंचे तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। वहीं ड्यूटी सैक्शन कार्यालय के कर्मचारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वे ड्राइवर और कंडक्टरों के बिना किसी भी रोडवेज बस को न रोकें।

कैसे भी करें सभी बसें रूटों पर दौडऩी चाहिएं। ऐसे में ड्यूटी सैक्शन कार्यालय के कर्मचारियों के सामने अजीब सी स्थिति बन गई है कि वे ड्राइवर और कंडक्टरों के बिना कैसे बसों का संचालन करवाएंगे, क्योंकि उनके पास जरूरत अनुसार ही ड्राइवर-कंडक्टर हैं। उनके लिए अगले 5 दिन इम्तिहान जैसे होंगेे।

मनस संस्थान की टीम देगी ट्रेनिंग
केंद्र सरकार की मनस संस्थान की टीम 7 अक्तूबर को रोडवेज डिपो जींद पहुंची। उसके बाद 12 अक्तूबर तक बस स्टैंड मंदिर प्रांगण में लगाए गए ट्रेनिंग कैंप में टीम सदस्य शामिल होंगे। ट्रेनिंग कैंप में 100 के करीब ड्राइवर-कंडक्टरों को बसों में सफर के दौरान यात्रियों से कैसे व्यवहार करें, स्कूल- कालेजों में पढऩे वाले युवाओं के साथ कैसे पेश आएं, बच्चों तथा महिलाओं से तमीज से बात करें। इस तरह की बातों को लेकर ड्राइवर-कंडक्टरों को पाठ पढ़ाया जाएगा।  कैंप सुबह 10 से 12 बजे तक लगेगा। कैंप में हिस्सा लेने वाले ड्राइवर-कंडक्टरों के बिना 2 घंटे रोडवेज बसें बसस्टैंड के प्रांगण में ही खड़ी रहेंगी।

इन 2 घंटों में बसें बिल्कुल भी नहीं चल पाएंगी, क्योंकि रोडवेज जींद डिपो में 160 ड्राइवर तथा 147 कंडक्टर्स हैं। यदि इन ड्राइवर-कंडक्टरों में से 50-50 ड्राइवर-कंडक्टर्स ट्रेनिंग कैंप में चले गए तो बाकी के बचे ड्राइवर-कंडक्टर 102 बसों का कैसे संचालन कर पाएंगे। फिर तो छोटे रूटों से लेकर लंबे रूटों पर बसों के चक्कर मिस होंगे। जिसका असर यात्रियों पर होगा, यात्रियों को समय पर बस मुहैया नहीं होगी और उनको कई-कई घंटे बसों का इंतजार करना पड़ेगा। 


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Isha

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