गौवंश की बदतर हालत देखकर भावुक हुए संत गोपालदास, कहा- यहीं ले लूंगा समाधी(Video)

punjabkesari.in Friday, Nov 24, 2017 - 11:51 AM (IST)

जींद(सुनील मराठा): जींद में बनी अस्थाई नंदीशालाअों में लगातार हो रही गौवंश की मौत सरकार अौर प्रशासन के गले की फांस बन गई है। वहीं संत गोपाल दास नंदीशाला की बदतर हालत अौर गौवंशों की मौत देखकर भावुक हो गए और उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने गौवंश के सुधार के लिए कदम नहीं उठाया तो वे जींद में अपनी समाधी ले लेंगे। गोपाल दास शहर के जयंती देवी मंदिर के सामने बनी अस्थाई नंदीशाला के पास दिए धरने को सर्मथन देने पंहुचे और नंदीशाला में चारा न मिलने व अव्यवस्थाओं के कारण मर रहे गौवंश के बारे जानकारी ली।
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संत नंदीशाला में गए और उन्होंने गौवंश की हालत देखी। नंदीशाला में गौवंश की हालात देखकर उनकी आखों में आंसू आ गए। उन्होंने गौवंश की हालत देखकर सरकार व जिला प्रशासन को जिम्मेवार ठहराया अौर चेतावनी दी। संत ने कहा कि सरकार का दावा है कि गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गौ आवास का निर्माण करना एवं इसके लिए बजट उपलब्ध कराया जा रहा है। जबकि आज 2017 तक आधुनिक गौभक्त सरकार पूरे देश में एक भी गौ निवास नहीं बनवा पाई। बजट के रूप में हरियाणा सरकार की करतूत देखिए एक बजट वर्ष में गाय माता के लिए मात्र तीन करोड़ रूपए और कुत्तों की नसबंदी के लिए एक साल में 30 करोड़ रूपए उपलब्ध कराती है। हरियाणा गौसेवा आयोग ने जितना बजट गाय के लिए दिया है उससे कहीं ज्यादा अपने वेतन व भत्तों पर खर्च किया है। 
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उन्होंने इस खराब व्यवस्था के लिए संतों को भी जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि उन्हें गायों की हो रही बदत्तर हालत सुधारने पर सरकार पर दबाव बनाना चाहिए और इसके लिए केवल पांच बड़े संत ही काफी है। 2014 में बीफ एक्सपोर्ट में भारत देश-दुनिया में दूसरे स्थान पर था लेकिन आज इस तथाकथित गौ भक्त सरकार के कारनामे से भारत दुनिया भर में बीफ एक्सपोर्ट में पहले स्थान पर पहुंच गया है। वहीं सरकार का वायदा था कि देशी गौवंश का संरक्षण एवं संवर्धन किया जाएगा। जबकि हकीकत यह है कि सरकार ने गुपचुप तरीके से 16 हजार सांड़ों को वध के लिए निर्यात कर दिया। 

संत ने कहा कि वे किसी भी राजनीतिक पार्टी के पक्षधर नहीं है मगर इतना जरूर कहना चाहेंगे कि गायों की जो हालत इस राज में खराब हुई इतनी तो कभी कांग्रेस राज में नहीं हुई। उन्होंने कहा कि गायों की इस दुर्दशा का बीजेपी सरकार का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब सरकार एक गौ रक्षक संत के खिलाफ गौ हत्या तक का मामला दर्ज कर सकती तो इन अधिकारियों के खिलाफ मुकद्दमें दर्ज क्यों नहीं हो। 


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